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एक दशक के हाई पर भारत का कच्चा तेल, क्या बढ़ेंगी पेट्रोल डीजल की कीमत 

तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ यानी पीपीएसी से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 9 जून को इंडियन बास्केट ने 121.28 अमेरिकी डॉलर को छुआ.

एक दशक के हाई पर भारत का कच्चा तेल, क्या बढ़ेंगी पेट्रोल डीजल की कीमत 

Crude Oil

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डीएनए हिंदी: भारत द्वारा खरीदे जाने वाले क्रूड ऑयल बास्केट 121 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के साथ एक दशक के हाई पर पहुंच गया है, उसके बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल के दाम (Petrol Diesel Price) )में कोई बदलाव नहीं हो रहा है. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ यानी पीपीएसी (Petroleum Planning & Analysis Cell) से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 9 जून को इंडियन बास्केट ने 121.28 अमेरिकी डॉलर को छुआ, जो फरवरी/मार्च 2012 में देखा गया था. पीपीएसी के अनुसार, 25 फरवरी से 29 मार्च के बीच कच्चे तेल की इंडियन बास्केट का औसत 111.86 डॉलर प्रति बैरल था. जिसकी वजह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण था, जिसके बाद तेल की कीमतों में आ लग गई थी. 30 मार्च से 27 अप्रैल के बीच इसका औसत 103.44 डॉलर प्रति बैरल था.

वहीं दूसरी ओर अमेरिका जैसे प्रमुख खरीदारों की मजबूत मांग के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें गुरुवार को 13 सप्ताह के हाई पर रही. हालांकि, शुक्रवार को तेल की कीमतों में मामूूली गिरावट भी देखने को मिली. ब्रेंट क्रूड वायदा 81 सेंट की गिरावट के साथ 122.26 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 79 सेंट की गिरावट के साथ 120.72 डॉलर प्रति बैरल पर था.

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हालांकि, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत स्थिर देखने को मिल रही हैं. करीब तीन हफ्तोंं से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को लागत के अनुरूप प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों को समायोजित करना है, लेकिन वे नवंबर 2021 से पंप दरें मॉडरेट कर रहे हैं.

भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर 85 प्रतिशत निर्भर है. उद्योग के सूत्रों के अनुसार स्थानीय पंप दरों को लगभग 85 अमरीकी डॉलर प्रति बैरल कच्चे तेल की कीमत पर बेंचमार्क किया गया है, लेकिन तेल कंपनियों ने दरों में बदलाव नहीं किया है क्योंकि वे महंगाई को कम करने के लिए सरकार की मदद कर रही हैं. जो पहले से ही 7.8 फीसदी के साथ आठ साल के हाई पर हैं. फ्यूल की कीमतों, विशेष रूप से डीजल, का महंगाई पर काफी प्रभाव पड़ता है क्योंकि ऊंची कीमत से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ जाती है. जिसकी वजह से फल, सब्जियों जैसी बाकी जरूरी सामान की कीमतों में इजाफा हो जाता है.

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सूत्रों ने कहा कि उद्योग पेट्रोल को लगभग 18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 21 रुपये प्रति लीटर के नुकसान पर बेच रहा है. ओएमसी ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 6 अप्रैल के बाद से कोई बदलाव नहीं किया है. पिछले महीने, सरकार द्वारा पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये की कटौती के बाद दरों में कमी की गई थी. दिल्ली में फिलहाल पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये प्रति लीटर है और डीजल की कीमत 89.62 रुपये है.

 

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