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New Gold Hallmarking Rules: सरकार ने बदले गोल्ड हॉलमार्किंग नियम, अब ये काम किए बिना नहीं बिकेगी आपकी पुरानी ज्वैलरी

Old Gold Jewellery Rules Change: यदि आपको संकट के समय अपने घर में रखी पुरानी सोने की ज्वैलरी को बाजार में बेचने की जरूरत पड़ती है तो आप चाहकर भी ऐसा नहीं कर पाएंगे. इसके लिए पहले आपको एक खास काम करना होगा.

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New Gold Hallmarking Rules: सरकार ने बदले गोल्ड हॉलमार्किंग नियम, अब य�े काम किए बिना नहीं बिकेगी आपकी पुरानी ज्वैलरी

Jewellery (File Photo)

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डीएनए हिंदी: Gold News- देश में नए आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के बाद केंद्र सरकार ने अब पुराने सोने के गहनों के लिए भी एक खास नियम तय किया है. हॉलमार्किंग लागू होने से पहले यदि आपने सोने का कोई जेवर बनवाया है और उसे आप संकट के समय बेचना चाहते हैं या बदलकर दूसरा गहना लेना चाहते हैं तो आप ऐसा नहीं कर पाएंगे. सरकार की तरफ से जारी नए हॉलमार्किंग नियमों के तहत पुरानी सोने की ज्वैलरी या अन्य गोल्ड प्रॉडक्ट्स को बेचने से पहले आपको उन्हें भी हॉलमार्क्ड कराना होगा. इससे जहां आपके पुराने सोने के गहने की असल कीमत तय हो पाएगी, वहीं सोने में निवेश के जरिये छिपाया गया काला धन भी सामने आ जाएगा.

1 अप्रैल से लागू हो गया है HUID नियम

केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल, 2023 से देश में सोने के सभी गहनों और प्रॉडक्ट्स पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (HUID) नंबर होना अनिवार्य कर दिया है. HUID नंबर से हर गहने को एक यूनिक आइडेंटिटी मिलती है और साथ ही वह उसकी शुद्धता के प्रतिशत की भी जानकारी देता है. हर गहने पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का लोगो और वह 18K, 20K, 22K या 24K (24 कैरेट) का है, इसकी जानकारी देने वाला चिह्न भी होना अनिवार्य किया गया है. 

इस नियम के कारण नहीं बिकेगी पुरानी गोल्ड ज्वैलरी

हॉलमार्क के जरिये गहने की शुद्धता की जानकारी मिलने के कारण ही नई ज्वैलरी अब पहले से ज्यादा विश्वसनीय हो गई है. सरकार ने इन नियमों में फेरबदल करते हुए पुरानी ज्वैलरी को भी विश्वसनीय बनाने की कवायद शुरू की है. इसके तहत पुरानी ज्वैलरी को बेचने या दूसरे गहने से बदलने पर तब तक रोक लगा दी गई है, जब तक पुरानी ज्वैलरी की भी हॉलमार्किंग नहीं कर ली जाती है. हालांकि यदि आपकी ज्वैलरी पहले से हॉलमार्क है तो आपको उसकी दोबारा हॉलमार्किंग नहीं करानी होगी यानी उसे आप जब चाहें तब बेच सकते हैं. इसके अलावा यदि आपकी ज्वैलरी का वजन 2 ग्राम से कम है तो भी आपको इसे हॉलमार्क नहीं कराना होगा. 

महज 45 रुपये में करा पाएंगे पुरानी ज्वैलरी की हॉलमार्किंग

अपनी पुरानी ज्वैलरी लेकर BIS से रजिस्टर्ड ज्वैलर के पास जाना होगा. वहां पुराने गहनों को हॉलमार्क कराया जा सकता है. ज्वैलर उन गहनों को BIS एसेइंग और हॉलमार्किंग सेंटर ले जाएगा. वहां गहनों की शुद्धता की जांच करने के बाद उन्हें हॉलमार्क कर वापस लौटाया जाएगा. इसके लिए ज्वैलरी मालिक को हर पीस के लिए महज 45 रुपये का शुल्क चुकाना होगा. 

आप अपनी ज्वैलरी खुद भी सीधे हॉलमार्किंग सेंटर ले जाकर सर्टिफाइड करा सकते हैं. इसके लिए 5 गहनों पर 45 रुपये प्रति पीस, जबकि 4 गहनों पर 200 रुपये का शुल्क देना होगा. सेंटर से हर गहने के बदले एक शुद्धता सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. ज्वैलरी बेचते या एक्सचेंज करते समय यह सर्टिफिकेट दिखाया जा सकता है.

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