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600 से ज्यादा हैं अवैध लोन देने वाली मोबाइल एप्लिकेशंस, सरकार ने दी बचने की सलाह

मोदी सरकार ने अपने लिखित जवाब में ग्राहकों को सुझाव दिया है कि वो डिजिटल लोन देने वाली मोबाइल एप्लिकेशंस से बचें.

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600 से ज्यादा हैं अवैध लोन देने वाली मोबाइल एप्लिकेशंस, सरकार ने दी बचने की सलाह
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डीएनए हिंदीः 5 मिनट में लोन देने के वादे करने वाले मोबाइल एप्लिकेशंस लोगों की मुसीबतें आसान करने की बजाए उनमें इजाफा कर रहे हैं. ये मोबाइल एप्लिकेशंस लोगों के साथ धोखाधड़ी तक करते हैं. इन सभी एप्लिकेशंस से बचने की सलाह सुरक्षा एजेंसियां आए दिन देती रहती हैं लेकिन अब इन एप्लिकेशंस की डिटेल्स संसद में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने भी दी है. सरकार ने इन एप्लिकेशंस की जानकारी देते हुए कहा है कि लोगों को इन एप्लिकेशन से किसी भी तरह का लोन नहीं लेना चाहिए. 

वित्त मंत्रालय ने दिया जवाब

धोखाधड़ी करने वाले मोबाइल एप्लिकेशंस को लेकर वित्त मंत्रालय ने संसद में लिखित जवाब दाखिल किया है. मंत्रालय ने बताया है कि देश में 600 से ज्यादा लोन देने वाले मोबाइल एप्लिकेशंस हैं जो कि धड़ल्ले से पहले लोन देती हैं और फिर लोगों को परेशान करती हैं. इस खुलासे में ये भी कहा गया है कि मोदी सरकार जल्द ही डिजिटल लोन लेंडर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकती है. इसके लिए केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने  कड़े नियम लागू करने के संकेत भी दिए हैं. RBI द्वारा जनवरी में गठित एक कमेटी ने ग्राहकों के हित की सुरक्षा के लिए एक नोडल एजेंसी के गठन का सुझाव दिया गया है.

कैसे करें धोखेधड़ी की शिकायत 

वहीं सरकार अब ऑनलाइन फ्रॉड और फर्जी लोन के चक्कर में फंसे लोगों की शिकायतों को विशेष तवज्जो दे रही है. वित्त राज्य मंत्री ने इस मामले में बताया, "शिकायत दर्ज करने के लिए आरबीआई द्वारा स्थापित पोर्टल Sachet को जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक डिजिटल लोन देने वाले ऐप्स के खिलाफ लगभग 2,562 शिकायतें मिली हैं." ऐसे में यदि आपके साथ भी लोन लैंडिंग कंपनियों ने कोई फ्रॉड किया है तो आप भी इस प्लेटफॉर्म पर जाकर शिकायत कर सकते हैं. 

बढ़ रहा है फर्जीवाड़ा 

वहीं इन मोबाइल एप्लिकेशंस से हुए फ्रॉड को लेकर हाल ही में आरबीआई ने एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया, "हाल के दिनों में डिजिटल लोन से धोखाधड़ी बढ़ रही है. डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के खिलाफ जनवरी 2020 से मार्च 2021 तक 2500 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए. इसके बाद कर्नाटक, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, यूपी, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के लोगों को साथ फर्जीवाड़ा हुआ."

आरबीआई की इन रिपोर्ट्स से लेकर मोदी सरकार का जवाब इस बात का संकेत देता है कि इन डिजिटल लोन देने वाली कंपनियों से लोन लेने से लोगों को बचना चाहिए. इसके साथ ही मोदी सरकार की सख्ती इन 600+ लोन एप्लिकेशंस की मुसीबत बढ़ा सकती है. 

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