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DNA एक्सप्लेनर: वाशिंगटन DC के अटॉर्नी का आरोप- Google चुराता है Location Data, जानें कैसे इससे मुनाफा कमाती है कंंपनी

गूगल क़रीब दस सालों से मार्केट लीडर है और माना जाता है कि दुनिया भर की ऑनलाइन एडवरटाइजिंग के लगभग एक तिहाई हिस्से पर गूगल का अधिकार है.

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DNA एक्सप्लेनर: वाशिंगटन DC के अटॉर्नी का आरोप- Google चुराता है Location Data, जानें कैसे इससे मुनाफा कमाती है कंंपनी
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डीएनए हिंदी : वाशिंगटन DC (Washington DC)  के अटॉर्नी जनरल समेत तीन और स्टेट के अटॉर्नी जनरल ने  गूगल (Google) के ख़िलाफ़ लॉ सूट दायर किया है. उनका कहना है कि गूगल ने अपने उपभोक्ताओं के लोकेशन का डिटेल लेने के लिए उन्हें धोखा दिया है. इस लॉ सूट का कहना है कि गूगल ने अपने प्रॉडक्ट्स यूं तैयार किए हैं कि लोग न चाहते हुए भी कभी अनजाने में तो कभी खीझ के मारे अधिक से अधिक लोकेशन डाटा शेयर कर बैठते हैं. क्या गूगल सच में लोकेशन डाटा के ज़रिये फ़ायदा उठाता हैआइए जानते हैं - 

कैसे करता है गूगल कमाई ?

मई 2021 में CNBC ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसका शीर्षक था कि 'कैसे गूगल का $150 बिलियन का एडवरटाइज़िंग बिज़नेस काम करता  है.' इस रिपोर्ट में CNBC ने दर्ज किया था कि गूगल ऑनलाइन एडवरटाइजिंग में सबसे आगे है. इसमें सबसे ज़्यादा कमाई गूगल ऐड के मार्फ़त होती है. रिपोर्ट के मुताबिक़ कंपनी ने 2020 में गूगल ऐड से 147 बिलियन डॉलर की कमाई की थी. गूगल क़रीब दस सालों से मार्केट लीडर है और माना जा रहा है कि 2021 के अंत तक दुनिया भर में डिजिटल एडवरटाइज़िंग पर खर्च किए जा रहे बजट का लगभग एक तिहाई गूगल के हिस्से में आ चुका है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि गूगल के सारे मुनाफे का ब्यौरा इसकी होल्डिंग कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के पास रहता है, जिसकी स्थापना 2021 में हुई थी. गूगल बार-बार अपने आप को टेक कंपनी कहती है पर अल्फाबेट के ब्यौरे को देखने पर पता चलता है कि 2020 में कंपनी ने 183 बिलियन डॉलर की कमाई की जिसका 80% हिस्सा गूगल (Google) के ऐड बिज़नेस से आता है. गौरतलब है कि अल्फाबेट इस वक़्त एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न के बाद दुनिया की चौथी बड़ी कंपनी है.

गूगल के एड कैसे काम करते हैं?

गूगल (Google) सबसे अधिक अपने सर्च इंजन को लेकर विख्यात है. गूगल के साथ एडवरटाइज करने पर यह पता चलता है कि एडवरटाइज़र को कुछ 'कीवर्ड' पर फोकस करना होता है. ये कीवर्ड वे होते हैं जो सर्च इंजन में सबसे ज़्यादा ढूंढ़े जाते हैं. ये ख़ास शब्दों के समूह होते हैं जो यूज़र अपने मतलब की जानकारी के लिए इस्तेमाल करता है. जिस वक़्त सर्च रिजल्ट दिखते हैं, उसी वक़्त उसी कीवर्ड ग्रुप से जुड़ा हुआ गूगल ऐड भी नज़र आता है. गूगल एडवरटाइज़ करने वालों को लोकेशन, भाषा, इंटरेस्ट के आधार पर अपना ऑडियंस ग्रुप चुनने की सुविधा देता है.

लोकेशन कैसे मदद करता है ऑनलाइन एडवरटाइजिंग में

बिज़नेस इनसाइडर में जुलाई 2021 में OLX के कर्मशियल वर्टिकल के हेड 'सनी कटारिया' के लिखे हुए आर्टिकल के अनुसार लोकेशन के आधार पर की गई एडवरटाइजिंग में कस्टमर के लोकेशन डाटा (Location Data)  और व्यवहार की जानकारी का होना ज़रूरी है. इसकी वजह से एडवरटाइज़र अपने कस्टमर को बेहतर जान पाते हैं और उन तक उत्पाद बेहतर ढंग से पहुंचा पाते हैं. यह डाटा उपलब्ध हो तो आप बार-बार उपभोक्ताओं को आकर्षित कर सकते हैं और नये उपभोक्ताओं तक भी पहुंच सकते हैं.

अब क्या कहता है वाशिंगटन DC का लॉ सूट गूगल के लोकेशन डाटा के बारे में

वाशिंगटन DC (Washington DC) के द्वारा लगाए गए लॉ सूट के अनुसार गूगल (Google)  अपने इकट्ठा किए हुए लोकेशन डाटा का इस्तेमाल अपनी एडवरटाइजिंग योग्यता को बेहतर बनाने के लिए करता है और इसके ज़रिये और मुनाफ़ा कमाता है. लॉ सूट  कहता है कि गूगल सेटिंग मिसलीडिंग है और यह भी जोड़ता है कि गूगल प्रॉडक्ट का इस्तेमाल करने वालों के पास कंपनी को उनके लोकेशन डाटा (Location Data) को इकट्ठा करने और अपने फ़ायदे के लिए इस्तमाल करने से रोकने का कोई विकल्प नहीं होता है. 

 

 

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