Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

भारत के पास हैं कितने Chinook helicopter, क्या हैं क्षमताएं, क्यों है सेना के लिए खास?

Chinook helicopters: चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल दुर्गम ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए किया जाता है. यह विमान भारी वजन उठाने में सक्षम है. इसका स्पेशल कार्गो पैटर्न इसे दूसरे हेलीकॉप्टर्स से अलग करता है.

भारत के पास हैं कितने Chinook helicopter, क्या हैं क्षमताएं, क्यों है सेना के लिए ख�ास?

भारतीय सेना में चिनूक हेलीकॉप्टर का होता है अहम इस्तेमाल.

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

डीएनए हिंदी: अमेरिका अब अपने 400 चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook Helicopters) के बेड़ो को बंद कर दिया है. चिनूक का इंजन बनाने वाली कंपनी हनीवेल ने कहा कि यह निर्णय एक तकनीकी वजह से लिया गया है. चिनूक हेलीकॉप्टर्स के इंजन में आग लग जा रही थी. ऐसा ओ रिंग (O Rings) में आई तकनीकी खामियों की वजह से हो रहा था. O Rings का इस्तेमाल लिक्विड और गैस से होने वाले लीकेज को रोकने में होता है. तकनीकी खामियों की वजह से लीकेज नहीं रुक रही थी.

अमेरिकी सेना के प्रवक्ता सिंथिया स्मिथ (Cynthia Smith) ने कहा कि अधिकारियों ने उस गलती की पहचान कर ली है जिसकी वजह से कुछ हेलीकॉप्टरों के इंजन में आग लगी थी. विमान में आई तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है. केवल सावधानी की वजह से अमेरिकी सेना ने चिनूक के 400 हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल बंद कर दिया है.

Chinook Helicopter: अमेरिकी सेना ने अपने बेड़े के उड़ान भरने पर लगाई रोक, भारत ने मांगी जानकारी

भारत में चिनूक हेलीकॉप्टर्स का इस्तेमाल व्यापक तौर पर होता है. भारत के पास कई चिनूक हेलीकॉप्टर हैं जो संकट की स्थितियों में सेना के लिए मददगार साबित होते हैं. भारतीय वायुसेना ने इसकी निर्माता कंपनी बोइंग से पूछा है कि अमेरिका ने इसका इस्तेमाल क्यों बंद कर दिया है.

चिनूक हेलीकॉप्टर.

'Romeo' ने बढ़ाई भारतीय नौसेना की ताकत, जानें क्यों गेमचेंजर कहे जा रहे हैं ये हेलीकॉप्टर

भारतीय वायुसेना के पास कितने हैं Chinook helicopters?

भारतीय वायुसेना (IAF) के पास 15 बोइंग निर्मित चिनूक हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है. देश ने मार्च 2019 में अमेरिका से चिनूक विमानों को लेकर करार किया था. भारतीय सेना ने बोइंग से पूछा है कि अमेरिका ने किस वजह से विमानों के बेड़े को रद्द किया है. अधिकारियों ने कहा है कि भारत ने उन कारणों का ब्योरा मांगा है जिनकी वजह से इंजन में आग लगने की आशंका है. अमेरिका ने इसी वजह से चिनूक सीएच-47 हेलीकॉप्टरों के पूरे बेड़े को रोक दिया है.

भारत का चिनूक बेड़ा देश के उत्तर और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में तैनात है. चंडीगढ़ और असम के एयरबेस पर तैनात यह हेलीकॉप्टर देश में देश के दुर्गम ऑपरेशन्स में इस्तेमाल किया जाता है.  
लद्दाख और सियाचिन में चलाए गए कई दुर्गम रेस्क्यू ऑपरेशन में चिनूक हेलीकॉप्टरों ने सेना की राह आसान की है.
 
कितने ताकतवर हैं चिनूक हेलीकॉप्टर? 

चिनूक में एक प्रणाली होती है जिसे टैंडेम रोटर कहते हैं. इसमें दो रोटर होते हैं जिसके जरिए भारी वजन उठाया जा सकता है. इसका नाम ओरेगन और वाशिंगटन के मूल अमेरिकी लोगों के नाम पर रखा गया है. इसे 1960 के दशक की शुरुआत में अमेरिकी सेना में कमीशन किया गया था.

Project Zoravar: भारतीय सेना का क्या है प्रोजेक्ट जोरावर? चीन के खिलाफ क्या बनाई रणनीति और क्यों है खास

चिनूक भारी से भारी वजन उठाने में सक्षम है. यह कार्गो स्पेशलाइज्ड हेलीकॉप्टर है. इसमें कई दरवाजे हैं. चिनूक में तीन बाहरी वेंट्रल कार्गो हुक हैं, जिसके जरिए भारी वजन उठाने में आसानी होती है. इसकी टॉप स्पीड 310 किमी प्रति घंटा है. यह दुनिया के सबसे तेज हेलीकॉप्टरों में से एक है.

चिनूक हेलीकॉप्टर.

हर मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम देने में हैं सक्षम

लॉकहीड सी-130 हरक्यूलिस के अलावा, यह 1960 में डिजाइन किया गया एकमात्र कार्गो विमान है जिसका धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है. हेलीकॉप्टर के सिविल वर्जन का इस्तेमाल यात्री सेवाओं के लिए भी होता है. इसके जरिए ट्रांसपोर्ट और फायर ऑपरेशन में भी होता है. 

Kisan खरीदेगा हेलीकॉप्टर! बैंक से मांगा इतना लोन

भारी भार ढोने की क्षमता की वजह से यह राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान बचाव और राहत अभियानों में भी बहुत प्रभावी है. इसका उपयोग सिविल एविएशन के लिए भी किया जाता है. अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, भारत और कई अन्य देशों की आर्मी इस विमान का इस्तेमाल करती है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement