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Parliament Rules: असंसदीय शब्द, रिकॉर्ड से हटा देंगे... सुनते तो हैं लेकिन इनके नियम नहीं जानते तो जान लें सबकुछ

What Is Unparliamentary words: सदन का सत्र शुरू होने से पहले हर बार असंसदीय शब्दों और वाक्यों की एक पूरी लिस्ट तैयार की जाती है. संसद सदस्यों को नियमों की बुकलेट दी जाती है जिनमें इन शब्दों का जिक्र होता है. क्या होते हैं ऐसे शब्द और इनसे जुड़े नियम कौन से हैं, जानें पूरी डिटेल.

Parliament Rules: असंसदीय शब्द, रिकॉर्ड से हटा देंगे... सुनते तो हैं लेकिन इनके नियम नहीं जानते तो जान लें सबकुछ

फाइल फोटो

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डीएनए हिंदी: संसद की कार्यवाही के दौरान अक्सर 2 शब्दों का जिक्र होता है. असंसदीय शब्द (Unparliamentary words) और रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा. आपने भी ये शब्द जरूर सुने होंगे लेकिन शायद कभी डिटेल में जानने की कोशिश नहीं की होगी. सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए रूल बुक है. संसद सत्र शुरू होने से पहले यह रूल बुक सभी सांसदों को दी जाती है. किसी भी सदस्य को अपने भाषण के दौरान असंसदीय घोषित किए शब्दों को शामिल करने की अनुमति नहीं होती है. साथ ही, अगर कोई सदस्य ऐसे किसी शब्द का इस्तेमाल करते हैं जो नियमों के विरुद्ध हो तो अक्सर उसके बारे में स्पीकर कहते हैं कि इसे रिकॉर्ड से हटा देंगे. जानिए यह पूरी प्रक्रिया क्या है और कैसे किसी शब्द को अमर्यादित घोषित किया जाता है.

Unparliamentary words क्या होते हैं 
सामान्य शब्दों में कहें तो किसी भी ऐसे शब्द को अमर्यादित और असंसदीय कहा जाता है जो अभद्र, अश्लील या अपमानजनक हो. ऐसे शब्द या वाक्यों का प्रयोग जो मानवीय गरिमा के अनुकूल न हो उन्हें संसद के नियमों के मुताबिक असंसदीय, अमर्यादित घोषित किया जा सकता है.

इस साल मानसून सत्र शुरू होने से पहले कुछ शब्दों जैसे कि जुमलाबाज, जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों को असंसदीय शब्दों की लिस्ट में डाला गया है. इनमें से कुछ शब्दों का इस्तेमाल विपक्षी दल सरकार पर हमले के लिए बार-बार करते थे.

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असंसदीय शब्दों की लिस्ट कैसे बनती है 
लोकसभा सचिवालय की ओर से हर साल असंसदीय शब्दों में कुछ और शब्द जोड़े जाते हैं. इस साल भी लोकसभा सचिवालय ने 'असंसदीय शब्द 2021' शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है. इन शब्दों और वाक्यों को 'असंसदीय अभिव्यक्ति' की श्रेणी में रखा गया है.असंसदीय शब्दों की श्रेणी में हमेशा परिवर्तन होते रहते हैं और कुछ नए शब्द जुड़ जाते हैं.

हंगामे के दौरान कई बार सदस्य भाषा की मर्यादा भूल जाते हैं

Australia, South Africa जैसे देशों में भी है यह परंपरा 
कॉमनवेल्थ नेशंस के अंतर्गत आने वाले ज्यादातर देशों की संसदीय प्रणाली गहराई तक ब्रिटेन से प्रभावित है. ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका जैसे देशों में भी यही प्रणाली है. संसदीय कार्यवाही के दौरान कई शब्दों के प्रयोग की मनाही होती है. इन शब्दों को असंसदीय घोषित किया जाता है. साउथ ऑस्ट्रेलिया के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में साल 2021 में  Yapping Dog (भौंकने वाले कुत्ते/पिल्ले) को असंसदीय घोषित किया गया था. 

इसी तरह से ऑस्ट्रेलियाई संसद ने कोविड स्प्रेडर को असंसदीय शब्द घोषित किया था. साउथ अफ्रीका की संसद में रंगभेद को समर्थन, बढ़ावा या उससे सहानुभूति जताने वाले सभी शब्दों के प्रयोग की मनाही है. ब्रिटेन की संसद में भी ऐसे कई शब्दों की लंबी सूची है जिनका प्रयोग नहीं किया जा सकता है. 

क्या है असंसदीय शब्द घोषित करने के पीछे मंशा 
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किए जाने वाले बुकलेट में संसद में भाषा और आचरण के बारे में विस्तार से बताया जाता है. संसद देश की सर्वोच्च संस्था है और इसके सदस्य भारत के नागरिकों के विचार और आचरण का दर्पण माने जाते हैं. 

संसद की बहसों का स्तर हमेशा ऊंचा रहा है और संसदीय भाषा और अच्छे व्यवहार की उम्मीद देश की सर्वोच्च संस्था से की जाती है. यही वजह है कि किसी तरह की अमर्यादित टिप्पणी या भाषा को बढ़ावा नहीं दिया जाता है. 

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Record से हटा देंगे क्या होता है जानें 
रिकॉर्ड से हटा देंगे शब्द आपने जरूर सुना होगा. संसद की कार्यवाही अब लाइव चलती है इसलिए कई बार कुछ सदस्य ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिसको लेकर अन्य सदस्यों को आपत्ति होती है. संसदीय कार्यवाही का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाता है. विवाद की स्थिति में जब स्पीकर कहते हैं कि रिकॉर्ड से हटा देंगे तो उसका मतलब है कि सदन की कार्यवाही के लिखित और सुरक्षित दस्तावेज में उन शब्दों को शामिल नहीं किया जाएगा. 

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