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Benami Properties: बेनामी संपत्ति को लेकर क्या है कानून? मोदी सरकार करने जा रही क्या बदलाव, जानें सबकुछ

Benami Properties: केंद्र सरकार बेनामी संपत्ति से जुड़े कानून में कई अहम बदलाव करने जा रही है. इससे भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी.  

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Benami Properties: बेनामी संपत्ति को लेकर क्या है कानून? मोदी सरकार करने जा रही क्या बदलाव, जानें सबकुछ
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डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) कई मौकों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कह चुके हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले से दिए भाषण में भी उन्होंने इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई का ऐलान किया था. भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति के तहत मोदी सरकार कई कानूनों में बदलाव कर चुकी है. अब बेनामी संपत्ति को लेकर कानूनों में बदलाव की तैयारी का जा रही है. 

किसे कहते हैं बेनामी संपत्ति?
बेनामी संपत्ति उस संपत्ति को कहा जाता है जिसकी कीमत को किसी और ने चुकाई हो और उसका मालिक कोई और हो. अगर इसे आसान भाषा में समझें तो अगर आपने अपने किसी जानकार या रिश्तेदार से पैसे लेकर कोई संपत्ति खरीदी है तो उसे  'बेनामदार' कहा जाता है. यह संपत्त‍ि पत्नी, बच्चों या किसी रिश्तेदार के नाम पर भी खरीदी गई होती है. जिसके नाम पर इस संपत्ति को लिया गया होता है वो केवल इसका नाममात्र का मालिक होता है जबकि असल हक उसी व्यक्ति का होता है, जिसने उस संपत्ति के लिए पैसे चुकाए होते हैं. इसका इस्तेमाल लोग काला धन छुपाने के लिए करते हैं. 

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क्या कहता है मौजूदा कानून
बेनामी संपत्ति को लेकर वर्तमान में बेनामी सम्पत्ति (निषेध) कानून 2016 है, उसके मुताबिक उस बोनामी सम्पत्ति को बेनामी समझा जाएगा जो किसी गलत धांधली कर खरीदी गई हो. इसमें 3 से लेकर 7 साल की सजा का प्रावधान था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2022 को बेनामी संपत्ति कानून में से तीन से सात साल तक की सजा के कानून को ने रद्द कर दिया था. बेनामी ट्रांजेक्शन एक्ट, 2016 की धारा 3(2) में यह प्रावधान किया गया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि यह धारा स्पष्ट रूप से मनमानी है.

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क्या होने जा रहा बदलाव 
बेनामी सम्पत्ति कानून में एक बार संशोधन होने और उसके सुप्रीम कोर्ट में रद्द होने के बाद केंद्र सरकार एक बार फिर से नया कानून बनाने पर विचार कर रही है. नए कानून में अपराध साबित होने पर 3 से लेकर 7 साल की जेल हो सकती है. इसके अलावा उस सम्पत्ति की उस समय जो बाजार वैल्यू है उसका 25 फीसदी जुर्माना वसूला जा सकता है.  

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