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Indian Diplomacy: भारत की तरफ दोस्ती की नजर से क्यों देखते हैं दुनिया के दिग्गज देश?

Explainer: रूस और यूक्रेन के बीच जंग में एक बार फिर दुनिया बंट गई है. हर देश भारत के साथ दोस्ती चाहता है. पढ़ें सुधीर चौधरी का विश्लेषण.

Indian Diplomacy: भारत की तरफ दोस्ती की नजर से क्यों देखते हैं दुनिया के दिग्गज देश?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन. (फाइल फोटो- Twitter/PIB)

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डीएनए हिंदी:  भारत (India) की दोस्ती दुनिया के हर देश के लिए बेहद खास है. अमेरिका, रूस, ब्रिटेन या चीन दुनिया का कोई भी देश हो सबकी नजरें भारत की ओर है. शुक्रवार को बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को अपना खास दोस्त बताया और कहा कि वो गुजरात में हुए अपने शानदार स्वागत के दौरान ऐसा महसूस कर रहे थे, जैसे वो सचिन तेंदुलकर या अमिताभ बच्चन हों. एक ऐसा देश, जिसने भारत को 200 सालों तक अपना गुलाम बना कर रखा, वहां के प्रधानमंत्री का ऐसा कहना बहुत बड़ी बात है.

बोरिस जॉनसन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना खास दोस्त बताना भारत की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि भारत यूक्रेन के मामले में ना तो NATO देशों के साथ खड़ा है. और ना ही उसने अमेरिका और ब्रिटेन का समर्थन किया. लेकिन इसके बावजूद बोरिस जॉनसन ना सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी को अपना खास दोस्त बताते हैं, बल्कि वो ये भी कहते हैं कि आज भारत और ब्रिटेन के रिश्ते सबसे ज्यादा मजबूत हैं. और ये भारत की विदेशी नीति की सबसे बड़ी उपलब्धि है.

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'दुनिया अलग-अलग गुट में बंट गई है, भारत है गुटनिरपेक्ष'

इस समय दुनिया दो धड़ों में बंटी हुई है. एक तरफ रशिया हैं. और दूसरी तरफ अमेरिका और बाकी पश्चिमी देश हैं. और बड़ी बात ये है कि प्रधानमंत्री मोदी इन सभी देशों के नेताओं के पक्के दोस्त हैं. वह व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के भी पक्के दोस्त हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के भी पक्के दोस्त हैं और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के भी पक्के दोस्त हैं. जिससे पता चलता है कि जब पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है, तब भारत की विदेश नीति सभी देशों के बीच शानदार संतुलन बनाने में कामयाब रही हैं. और इसे आप कुछ और बातों से समझ सकते हैं.

'हर देश भारत का सच्चा दोस्त'

डोनाल्ड ट्रंप जब अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने 2017 में प्रधानमंत्री मोदी को अपना सच्चा दोस्त बताया था. और अमेरिका के Houston में Howdy Modi के कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं के गले मिलने की तस्वीरें काफी चर्चा में रही थीं. लेकिन जब डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में हार गए और उनकी जगह जो बाइडेन वहां के राष्ट्रपति बने तो उन्होंने भी प्रधानमंत्री को अपना खास दोस्त बताया. और पिछले साल जब दोनों नेताओं की व्हाइट हाउस में मुलाकात हुई तो उनके बीच एक खास बॉन्डिंग देखने को मिली.

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बड़ी बात ये है कि डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन अमेरिका की दो ऐसी पार्टियों के नेता हैं, जो एक दूसरे की धुर विरोधी रही हैं. लेकिन दोनों ही पार्टियों की सरकारों में अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते मजबूत रहे हैं. और जैसी दोस्ती प्रधानमंत्री मोदी की ट्रंप के साथ थी. वैसी ही दोस्ती बाइडेन के साथ भी है.

इजरायल के पीएम भी हैं भारत के सच्चे दोस्त

इसी तरह साल 2018 में जब प्रधानमंत्री मोदी इजरायल गए थे, तब इजरायल के तत्कालीन प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने भारत और इजरायल के रिश्तों को स्वर्ग में हुई शादी के बराबर बताया था. लेकिन जब नेतन्याहू के बाद नाफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) इजरायल के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने भी मोदी को अपना खास दोस्त बताया और ये कहा कि मोदी इजरायल में बहुत लोकप्रिय हैं और इसलिए उन्हें वहां आकर उनकी पार्टी जॉइन कर लेनी चाहिए.

इमैनुएल मैक्रों भी माने जाते हैं पीएम मोदी के पक्के दोस्त

भारत अमेरिका और पश्चिमी देशों का भी खास दोस्त है. और रशिया का भी खास दोस्त है. आपको याद होगा, जब साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रशिया के दौरे पर गए थे, तब सोह-ची (Sochi) में एक नौका पर प्रधानमंत्री मोदी और व्लादिमीर पुतिन की ये शानदार तस्वीरें देखने को मिली थी. इसी तरह फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) भी प्रधानमंत्री मोदी के पक्के दोस्त माने जाते हैं. वर्ष 2017 में जब मोदी फ्रांस के दौरे पर गए थे, तब उनके और मैक्रों के गले मिलने की ये तस्वीरें अंतर्राष्ट्रीय हेडलाइन बन गई थीं.

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सभी देशों का खास दोस्त बन गया है भारत

संक्षेप में कहें तो आज भारत दुनिया के सभी देशों का खास दोस्त बन गया है. और ये भारत की विदेश नीति की बहुत बड़ी जीत है. हालांकि शुरुआत में इसी विदेश नीति की हमारे देश में काफी आलोचना होती थी. और ये कहा जाता था कि मोदी दुनिया के बड़े नेताओं से गले क्यों मिलते हैं या उनके साथ पर्सनल मीटिंग क्यों करते हैं, लेकिन आज इन सवालों का जवाब सबको मिल गया है.

हाल में 4 देशों के पीएम और 8 देशों के विदेश मंत्री आ चुके हैं भारत

यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद चार देशों के प्रधानमंत्री और 8 देशों के विदेश मंत्री भारत का दौरा कर चुके हैं, जिससे भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत के बारे में पता चलता है. दिलचस्प बात ये है कि अपने मंत्रियों को भारत भेजने वालों में वही देश हैं, जो आज कल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन बने हुए हैं. यूक्रेन युद्ध के बाद जिन देशों के विदेश मंत्री भारत आए हैं, उनमें ऑस्ट्रिया, ग्रीक, चीन, रशिया और ब्रिटेन प्रमुख हैं. इसके अलावा जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा (Fumio Kishida) भी भारत आ चुके हैं.

बोरिस जॉनसन.

पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच खास बॉन्डिंग

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Boris Johnson and PM Narendra Modi Meeting) के बीच लंबी मुलाकात हुई. और इस दौरान दोनों नेताओं ने 9 सेकेंड तक हाथ मिलाया. इसके अलावा राष्ट्रपति भवन में आज बोरिस जॉनसन को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. और इसके बाद वो मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को बार-बार नरेंद्र कह रहे थे, जिससे दोनों नेताओं के बीच एक खास बॉन्डिंग साफ दिख रही थी.

बोरिस जॉनसन ने लगवाई भारत में बनी कोरोना वैक्सीन

बोरिस जॉनसन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को भी श्रद्धांजलि दी. और उन्होंने भारत में बनी वैक्सीन लगवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद भी दिया. जब भारत ब्रिटेन का गुलाम था, तब अंग्रेजी सरकार चाहती थी कि भारत के लोग एक सुई खरीदने के लिए भी उस पर निर्भर रहें. लेकिन आज उसी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत में बनी वैक्सीन लगवाते हैं और इसके लिए हमारे देश को धन्यवाद भी देते हैं. ये समय का चक्र है, जिसने भारत के प्रति बिटेन के नजरिए को पूरी तरह बदल दिया है.

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए कई अहम समझौते

भारत और ब्रिटेन के बीच कई अहम समझौते हुए हैं, जिसके तहत ब्रिटेन ने भारत के साथ फाइटर जेट्स (Fighter Jets) की तकनीक साझा करने पर सहमति दी है. इसके अलावा दोनों देशों के बीच आज फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) पर भी चर्चा हुई और माना जा रहा है कि अक्टूबर महीने तक इस पर डील हो सकती है. अगर दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो गया तो आयात-निर्यात पर लगने वाला शुल्क सीमित हो जाएगा. और अनुमान है कि इससे 2030 तक भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार दोगुना हो सकता है. ब्रिटेन ने भारत को ओपन एक्पोर्ट लाइसेंस देने का भी ऐलान किया है, जिसके तहत भारत को भविष्य में ब्रिटेन से जो भी हथियार खरीदने होंगे, वो भारत को समय से पहले मिल जाएंगे. ब्रिटेन ने अब तक ये लाइसेंस सिर्फ अमेरिका और यूरोपीय यूनियन को दिया था.

पीएम मोदी के साथ बोरिस जॉनसन.

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अर्थव्यवस्था में ब्रिटेन से ज्यादा पीछे नहीं है भारत

इस समय ब्रिटेन दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. जबकि भारत इस सूची में छठे स्थान पर है. ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 233 लाख करोड़ रुपये की है. जबकि भारत की अर्थव्यवस्था 220 लाख करोड़ रुपये की है. यानी भारत ब्रिटेन से ज्यादा पीछे नहीं है. और ब्रिटेन के एक थिंक टैंक Centre for Economics and Business Research के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

नीरव मोदी और माल्या को भारत को सौंपना चाहता है ब्रिटेन

बोरिस जॉनसन ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है, और वो दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा और समृद्धि के बारे में बेहद आशावादी हैं. इसके अलावा बोरिस जॉनसन ने ये भी कहा कि वो पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में आरोपी नीरव मोदी और विजय माल्या को भारत को सौंपना चाहते हैं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया की वजह से इसमें देरी हो रही है.

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