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Yash Johar Death Anniversary: मिठाई की दुकान संभालने वाला कैसे बना था Bollywood का शानदार फिल्ममेकर

Yash Johar हिंदी सिनेमा के जाने माने फिल्म मेकर में से एक हैं. उनकी फिल्में अपनी अलग पहचान रखती थीं. आज उनका नाम और उनकी लेगेसी बेटे Karan Johar आगे बढ़ा रहे हैं.

Yash Johar Death Anniversary: मिठाई की दुकान संभालने वाला कैसे बना था Bollywood का शानदार फिल्ममेकर

Yash Johar यश जौहर 

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डीएनए हिंदी: बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म मेकर यश जौहर (Yash Johar) आज भले ही हमारे बीच नही हों पर उनकी फिल्में लोगों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी.  26 जून 2004 में 74 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. उन्होंने बॉलीवुड को दोस्ताना, मुकद्दर का सिकंदर, अग्निपथ, कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम, कल हो ना हो जैसी शानदार फिल्में दी थीं. आज उनकी लेगेसी उनके बेटे करण जौहर (Karan Johar) बखूबी संभाल रहे हैं. करण भी बॉलीवुड के जाने माने फिल्म मेकर बन गए हैं. करण जौहर एक बड़े फिल्म निर्माता होने के कई नए टैलेंट्स को बॉलीवुड में लॉन्च करने के लिए जाने जाते हैं.

yash johar

मिठाई की दुकान से मधुबाला की फोटो क्लिक करने तक का सफर 

यश जौहर का जन्म ब्रिटिश शासन के दौरान 6 सितंबर, 1929 को पंजाब प्रांत के लाहौर (अब पाकिस्तान) में हुआ था. देश का विभाजन होने के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गई और यहां आकर यश जौहर के पिता ने 'नानकिंग स्वीट्स' नाम से मिठाई की दुकान खोली. 9 भाई-बहनों में यश सबसे पढ़े-लिखे थे इसी कारण उनके पिता ने उन्हें मिठाई की दुकान पर बैठा दिया. वो दुकान पर हिसाब किताब करते थे पर उन्हें ये काम बिल्कुल पसंद नहीं था. 

इस काम से तंग आकर यश मुंबई आ गए. शुरुआती दिनों में उनको काफी संघर्ष करना पड़ा. शुरुआत में उन्होंने एक न्यूज पेपर में फोटोग्राफर बनने के लिए आवेदन दिया था. उस जमाने की मशहूर अदाकारा मधुबाला के बारे में कहा जाता था कि वो किसी को फोटो नहीं लेने देती थीं पर यश के पढ़े-लिखे होने के कारण और अंग्रेजी बोलने से मधुबाला इम्प्रेस होकर उनसे फोटो खिंचवाने लगीं. इसके बाद जब यश मधुबाला की फोटो खींचकर ऑफिस पहुंचे तो उन्हें तुरंत फोटोग्राफर की नौकरी मिल गई थी. 

yash johar

1952 में की करियर की शुरुआत

साल 1952 में सुनील दत्त के प्रोडक्शन हाउस ‘अजंता आर्ट्स’ से यश जौहर ने अपने करियर की शुरुआत की.  इसके बाद वो सहायक निर्माता के रूप में देवानंद के प्रोडक्शन हाउस ‘नवकेतन फिल्म्स’ से जुड़े. 

देवानंद के प्रोडक्शन हाउस के साथ मिलकर उन्होंने ‘गाइड’, ‘ज्वैल थीफ’, ‘प्रेम पुजारी’, ‘हरे रामा-हरे कृष्णा’ जैसी शानदार फिल्मों को पर्दे पर लाने में अहम योगदान दिया. साल 1971 में रिलीज हुई फिल्म 'हरे राम हरे कुष्णा' में यश जौहर की प्रोडक्शन का कमाल देखने को मिला.

1976  में शुरू किया धर्मा प्रोडक्शन

साल 1976 में यश जौहर ने अपनी खुद की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी ‘धर्मा प्रोडक्शन’ की शुरुआत की. धर्मा प्रोडक्शन की पहली फिल्म साल 1980 में अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म ‘दोस्ताना’ थी  जो बॉक्स ऑफिस पर हिट रही. बाद में उनके बेटे करण जौहर ने अपने पिता को ट्रिब्यूट के तौर पर साल 2008 में जॉन अब्राहम और अभिषेक बच्चन के साथ इसी नाम की एक और फिल्म ‘दोस्ताना’ बनाई. अब वो दोस्ताना 2 बनाने वाले हैं. 

यश जौहर ने दुनिया (1984), मुकद्दर का फैसला (1987), अग्निपथ (1990), गुमराह (1993), डुप्लिकेट (1998), कुछ कुछ होता है (1998), कभी खुशी कभी गम (2001), कल हो न हो (2003) जैसी फिल्मों का निर्माण किया. 

ये भी पढ़ें: Karan Johar ने किसे कहा भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा फिल्ममेकर?

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बीआर चोपड़ा और यश चोपड़ा की बहन से की थी शादी

फिल्म प्रोड्यूसर-डायरेक्टर यश जौहर ने मशहूर फिल्म निर्माता बीआर चोपड़ा और यश चोपड़ा की बहन हीरू से शादी की थी.  दोनों का एक ही बेटा है करण जौहर, जो आज के समय में बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माताओं में से एक हैं.

26 जून, 2004 को चेस्ट इन्फेक्शन और कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया. हालांकि करण जौहर ने पिता यश की तरह ही बॉलीवुड को कई बेहतरीन फिल्मों दी हैं. 

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