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Multi-cancer Detection Tests: सिर्फ एक ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर का चलेगा पता

Multi-cancer Detection: कैंसर की बीमारी का पता लगाने के लिए अब एक ऐसा टेस्ट आया है जो कई तरह के कैंसर की जानकारी दे सकता है.

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Multi-cancer Detection Tests: सिर्फ एक ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर का चलेगा पता

Multi-cancer Early Detection Tests: सिर्फ एक ब्लड टेस्ट से 50 तरह के कैंसर का चलेगा पता

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डीएनए हिंदीः शरीर में कैंसर कहीं भी हो सकता है और हर कैंसर का पता लगाने के लिए अलग-अलग जांच होती है लेकिन अब एक टेस्ट से कई तरह के कैंसर का पता चल सकेगा. मल्टीकैंसर अर्ली डिटेक्टशन टेस्ट ट्रायल फेज में हैं और अब तक एक लाख से अधिक लोगों का टेस्ट किया जा चुका है. इस टेस्ट से समय रहते कई तरह के कैंसर की पहचान हो सकेगी और उसे खत्म करने में आसानी होगी. कई बार कैंसर का पता लास्ट स्टेज में चलता है इससे जान बचाना मुश्किल होता है लेकिन इस तरह के टेस्ट से कैंसर की बीमारी को काबू में किया जा सकेगा. 

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ब्लड टेस्ट से चलेगा 50 तरह के कैंसर का पता
वैज्ञानिकों ने सिंपल ब्लड टेस्ट से करीब 50 तरह के कैंसर का पता लगाने का दावा किया है और इसका ट्रायल चल रहा है. 

लाखों लोगों की बचेगी जिंदगी
अमेरिका में इस टेस्ट पर ट्रायल चल रहा है. मल्टीकैंसर अर्ली डिटेक्टशन टेस्ट कैंसर को खत्म करने के लिए यह क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है. इस टेस्ट को कैलिफोर्निया की ग्रेल कंपनी ने तैयार किया है. ग्रेल का कहना है कि ये टेस्ट 50 से भी ज्यादा अलग.अलग तरह के कैंसर को डिटेक्ट कर सकता है.

अगर कैंसर का पता अर्ली स्टेज में चल जाए तो हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है. क्योंकि वर्तमान में अर्ली स्टेज में कैंसर की पहचान होती ही नहीं है. 

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बता दें कि दुनिया भर में कैंसर से करीब हर साल 95 लाख लोगों की मौत हो जाती है. कंपनी का कहना है कि यह ट्रायल करीब दो साल तक चलेगा उसके बाद संभावना है कि इस टेस्ट को बाजार में उतार दिया जाएगा.

कैसे काम करता है यह टेस्ट
जब किसी भी तरह की कोशिकाएं मरती हैं तो उसका डीएनए खून में छोड़ दिया जाता है और वह तैरते रहता है. जब किसी कोशिका पर कैंसर कोशिकाएं धावा बोलेगी तो वह कोशिका ट्यूमर कोशिका में बदल जाएगी. ट्यूमर कोशिका में भी डीएनए होगा लेकिन यह अलग तरह का डीएनए होगा. 

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जब ट्यूमर कोशिकाओं का डीएनए खून में तैरने लगेगा तो एमसीईडी खून के प्रवाह में से इसी ट्यूमर वाले डीएनए को पहचान लेगा. बिना कोशिका वाला यह डीएनए इस बात की सूचना देगा कि वह किस प्रकार के टिशू से आया है और क्या यह नॉर्मल डीएनए है या कैंसर वाला डीएनए है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

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