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Sanitary Pads Side Effects: सैनेटरी पैड के इस्तेमाल से हो सकता है कैंसर, पीरियड्स में रखें इन बातों का ख्याल

Sanitary Pads Side effects- पीरियड्स के दौरान यूज होने वाले पैड्स में जो केमिकल होता है उससे कैंसर और बांझपन का खतरा बढ़ जाता है. कुछ बातें जान लें

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Sanitary Pads Side Effects: सैनेटरी पैड के इस्तेमाल से हो सकता है कैंसर, पीरियड्स में रखें इन बातों का ख्याल
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डीएनए हिंदी: Sanitary Pads Chemical Side Effects- पीरियड्स के दौरान अधिकतर लड़कियां सैनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं, इन पैड्स में जो केमिकल होता है वो काफी खतरनाक होता है, इससे महिलाओं को ओवरी के कैंसर (Ovary Cancer) का खतरा होता है और साथ ही बांझपन (Infertility) की दिक्कत भी हो सकती है. हालिया एक स्टडी के बाद इस बात पर और मुहर लग गई कि पैड्स को सोच समझकर इस्तेमाल करें या फिर कोई और विकल्प चुन सकते हैं. आईए इसके बारे में और जानते हैं, साथ ही पीरियड्स के दौरान किन बातों का ध्यान रखने से हम इस समस्या के खतरे को कम कर सकते हैं. 

दरअसल, पैड ब्लड को अच्छी तरह से अवशोषित कर लेता है इसलिए लड़कियां इसके इस्तेमाल को ज्यादा पसंद करती हैं. लेकिन क्या यही मुश्‍किल दिनों में काम आने वाले सैनेटरी पैड इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं, ऐसे पैड जिनमें लंबे समय तक बल्ड सोखने की क्षमता रहती है, उनमें डाइऑक्सिन और सुपर-अब्सॉर्बेंट पॉलिमर जैसे एजेंटों का उपयोग किया जाता है. डायोक्सिन की प्रकृति शरीर में जमा होने के कारण सर्वाइकल कैंसर या ओवेरियन कैंसर हो सकता है. इसलिए कहा जाता है कि हर 3-4 घंटों में पैड जरूर बदल लें.  

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डाइऑक्सिन: डाइऑक्सिन एक रसायन है, जो सैनिटरी पैड को ब्लीच करने के लिए उपयोग किया जाता है. डाइऑक्सिन शरीर के लिए बहुत हानिकारक है. 

कीटनाशक: सैनेटरी पैड बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाली कॉटन में अक्सर कुछ कीटनाशक होते हैं, जो किसानों द्वारा खेती के दौरान उस पर छिड़के जाते हैं और फिर कॉटन तैयार होता है. 

आर्टिफिशियल परफ्यूम: पैड्स को खुशबूदार बनाने के लिए इसमें आर्टिफिशियल परफ्यूम का इस्‍तेमाल किया जाता है. यह रसायन हैं जो सुरक्षित नहीं माने जाते, इसके कारण गर्भ न धारण कर पाने जैसी गंभीर समस्या तक आ जाती है

ब्लीच के नुकसान 

पहले जो कॉटन तैयार होती है वो पीले रंग की होती है लेकिन बाद में ब्लीच डालकर उसे सफेद बनाया जाता है, जिसमें कई रसायन होते हैं और ये केमिकल लिवर में खतरा पैदा करते हैं, यही नहीं ओवरी में सूजन, इचिंग, वैजाइना की दिक्कत कई तरह की और समस्याएं पैदा कर देता है, जो बाद में जाकर कैंसर का कारण बनते हैं. 

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खुशबू का नुकसान 

खुशबूदार पैड्स और ज्यादा नुकसान करते हैं, पैड्स की बदबू मिटाने के लिए परफ्यूम का इस्तेमाल होता है, ये केमिकल बांझपन का खतरा बढा देते हैं. Artificial खुशबू से भ्रूण विकास में दिक्कत आती है. 

पीरियड्स के दौरान कई बातों का रखें ख्याल 

पीरियड्स के दौरान खूब पानी पिएं, क्योंकि इस दौरान शरीर में पानी की कमी आ जाती है. 
कॉटन की पैंटी पहनें और वैजाइना को साफ रखें 
इंटरर्नल पार्ट की हाइजीन मेंटेन करें
5 घंटे से अधिक पैड्स यूज ना करें 
प्राइवेट पार्ट को गिला ना करें, सूखा रखें
हो सके तो अच्छा कॉटन का पैड यूज करें 

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