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बर्ड फ्लू के बाद Swine Flu ने बढ़ाई चिंता, असम में सामने आए H1N1 वायरस के मामले, ऐसे करें बचाव

Swine Flu: असम में स्वाइन फ्लू संक्रमण के मामले मिलने के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग एक्टिव मोड में आ गया है, यह बीमारी H1N1 वायरस के कारण होता है. आइए जानते हैं इसके लक्षण...

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 Swine Flu

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पिछले कई महीनों से देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू, मंप्स जैसी गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. अब असम में स्वाइन फ्लू (Swine Flu) भी अपने पैर पसार रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम में स्वाइन फ्लू संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं, जिसे लेकर लोगों में चिंता बढ़ गई है. ऐसे में राज्य का स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए अलर्ट मोड में आ गया है.  

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्वाइन फ्लू एक गंभीर बीमारी है और यह H1N1 वायरस की वजह से फैलता है. बता दें कि साल 2019 में इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया था. आइए जानते हैं क्या है स्वाइन फ्लू और इस बीमारी से बचाव के उपाय क्या हैं. 

क्या है स्वाइन फ्लू  

स्वाइन फ्लू H1N1 फ्लू के वायरस के कारण फैलता है, हेल्थ एक्सपर्ट्स  के मुताबिक यह इन्फ्लूएंजा वायरस का एक नया कॉम्बिनेशन था जो सूअरों, पक्षियों और मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है. ऐसे में इसके प्रति सावधानी बरतनी बहुत ही जरूरी है. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित कर दिया गया था और उस साल इस वायरस के कारण दुनिया भर में करीब 284,400 मौतें हुई थीं. 


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जानें क्या हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण

H1N1 के कारण होने वाले फ्लू के लक्षण अन्य फ्लू वायरस के समान होते हैं और यह लक्षण वायरस के संपर्क में आने के लगभग 1 से 4 दिन बाद विकसित होते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जो लक्षण आमतौर पर जल्दी शुरू होते हैं और इसमें निम्न शामिल हो सकते हैं...

  • दस्त, खांसी और बुखार
  • सिरदर्द  और उल्टी होना
  • शरीर और मांसपेशियों में दर्द
  • गला खराब होना
  • आंखों में दर्द 
  • थकान, कमजोरी होना
  • बहती या भरी हुई नाक की समस्या 
  • पेट में दर्द महसूस होना
  • ठंड लगना और पसीना आने की समस्या
  • लाल आंखें और आंखों में पानी आने की समस्या

ऐसे करें बचाव

स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है इसकी वैक्सीन लगवाना. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फ्लू का टीका आपके फ्लू होने के जोखिम को कम कर सकता है और हर साल मौसमी फ्लू की वैक्सीन तीन या चार इन्फ्लूएंजा वायरस से बचाने में मददगार साबित होता है. 

इस बीमारी से बचाव के लिए खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को टिश्यू से ढकें और उपयोग के तुरंत बाद टिश्यू का सुरक्षित तरीके से डिस्पोज करें. साथ ही बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें. 

इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें कि आप उन लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें जो स्पष्ट रूप से बीमार हैं या फिर जिनके बीमार होने की संभावना है. इसके अलावा अगर आपके अंदर फ्लू के कोई भी लक्षण नजर आ रहे हैं, तो दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए लोगों से दूरी बनाए रखना जरूरी है. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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