Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Bank Loan Scam में ED की छापेमारी, फर्म के सीक्रेट लॉकर्स से मिले 431 किलोग्राम सोना-चांदी

पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड नाम की कंपनी के खिलाफ मामले के सिलसिले में रक्षा बुलियन और क्लासिक मार्बल्स के कैंपस पर छापेमारी की गई.

Bank Loan Scam में ED की छापेमारी, फर्म के सीक्रेट लॉकर्स से मिले 431 किलोग्राम सोना-चांदी
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (Enforcement Directorate)  ने एक कथित बैंक लोन फ्रॉड मामले (Bank Loan Fraud Case) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के हिस्से के रूप में एक सराफा कंपनी के सीक्रेट लॉकर्स (Secret Lockers) की तलाशी के बाद आज 47 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 431 किलोग्राम सोना और चांदी जब्त कर लिया. एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड नाम की कंपनी के खिलाफ मामले के सिलसिले में रक्षा बुलियन और क्लासिक मार्बल्स के कैंपस पर छापेमारी की गई. छापेमारी के दौरान सराफा कंपनी के कैंपस से कुछ सीक्रेट लॉकर्स की चाबियां मिलीं.

कैंपस में थे 761 लॉकर 
एजेंसी ने  कहा, "निजी लॉकर्स की तलाशी लेने पर, यह पाया गया कि लॉकर का संचालन उचित मानदंडों का पालन किए बिना किया जा रहा था. कोई केवाईसी का पालन नहीं किया गया था और कैंपस में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था और कोई अंदर और बाहर रजिस्टर नहीं था. कैंपस में 761 लॉकर थे, जिनमें से तीन रक्षा बुलियन के थे. लॉकर्स के संचालन पर, दो लॉकरों में 91.5 किलोग्राम सोना (बार) और 152 किलोग्राम चांदी मिली, जिसे जब्त कर लिया गया.

Fixed Deposit Rates: इन बैंकों में 5 साल की एफडी पर मिल रहा है सबसे ज्यादा ब्याज, जानें कितनी होगी कमाई 

188 किलोग्राम चांदी भी जब्त की गई
बयान में कहा गया, "रक्षा सर्राफा के परिसर से अतिरिक्त 188 किलोग्राम चांदी भी जब्त की गई." इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट ने कहा कि जब्त किए गए सोने और चांदी का कुल मूल्य 47.76 करोड़ रुपये है. पारेख एल्युमिनेक्स लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मार्च, 2018 का है, जहां यह आरोप लगाया गया था कि कंपनी ने बैंकों को धोखा दिया और 2,296.58 रुपये करोड़ का लोन लिया.

Flipkart Big Billion Days Sale: iPhone 12 मिनी 5300 रुपये से ज्यादा मिलेगा सस्ता

2019 में 205 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी
इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट ने दावा किया कि यह पैसा उसके बाद विभिन्न कंपनियों के माध्यम से लेयरिंग करके निकाला गया. एजेंसी ने कहा, "असुरक्षित लोन और निवेश प्रदान करने के संदर्भ में पैसा विभिन्न खातों में भेजा गया था. यह लोन लेने का उद्देश्य नहीं था और इस तरह के लेनदेन के लिए कोई समझौता नहीं था. इसने इससे पहले 2019 में इस मामले में 205 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की थी.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement