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Agnipath scheme: अग्निपथ स्कीम पर घिरेगी सरकार, विपक्ष का बढ़ रहा दबाव, संसद में भी होगा हंगामा

कांग्रेस, NCP, TMC और RJD समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने नई भर्ती योजना पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इसे तत्काल वापस लेना चाहिए.

Agnipath scheme: अग्निपथ स्कीम पर घिरेगी सरकार, विपक्ष का बढ़ रहा दबाव, संसद में भी होगा हंगामा

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

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डीएनए हिंदी: संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सोमवार को रक्षा संबंधी संसदीय परामर्श समिति के सदस्यों को सैन्य भर्ती के लिए लाई गई ‘अग्निपथ योजना’ (Agnipath Scheme) के बारे में प्रस्तुति दी. 6 विपक्षी सांसदों ने इस योजना को तत्काल वापस लेने की मांग की. करीब दो घंटे तक चली बैठक में राजनाथ सिंह ने समझाया कि इस योजना का सेना पर क्या असर होगा और कैसे अग्निपथ मिशन पर काम किया जाएगा. बैठक में विपक्ष की चिंताओं को सुलझाने की भी कोशिश राजनाथ सिंह ने की. तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी सांसदों को योजना के बारे में बताया जिसको लेकर देश में हिंसक प्रदर्शन हुआ था और विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया था. 

कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), राजद तृणमूल कांग्रेस (RJD) जैसे विपक्षी दलों ने नई भर्ती योजना पर आपत्ति व्यक्त की और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए . उन्होंने एक लिखित ज्ञापन भी रक्षा मंत्री को सौंपा जिसमें इस योजना पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है. 

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किन सांसदों ने किए हैं ज्ञापन पर हस्ताक्षर?

जिन सांसदों ने इस ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, उनमें शक्ति सिह गोहिल, रजनी पाटिल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (राकांपा), सौगत राय एवं सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस) और राजद के ए डी सिंह शामिल हैं . 

मनीष तिवारी ने विपक्षी पहल से बनाई दूरी

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किया. मनीष तिवारी सार्वजनिक तौर पर अग्निपथ योजना की सराहना कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि यह जरूरी सुधार है क्योंकि दुनिया के अन्य देशों के सशस्त्र बलों ने ऐसी योजना पेश की है. कांग्रेस ने हालांकि मनीष तिवारी के बयान को उनका निजी विचार बताया था. सूत्रों के मुताबिक मनीष तिवारी ने बैठक में पूछा कि क्या योजना से किसी तरह से पेंशन पर प्रभाव पड़ता है. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह परिचालनात्मक तैयारी को कम करेगा. इस पर सेना प्रमुख ने कहा कि किसी भी स्तर पर इस पर समझौता नहीं होगा.

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समिति में हैं कितने सदस्य?

समिति में 20 सदस्य हैं जिसमें 13 लोकसभा और सात राज्य सभा से हैं . सोमवार की बैठक में कम से कम 12 सांसद मौजूद थे . इसमें मौजूद नहीं रहने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हैं . 

क्यों वापसी की उठ रही है मांग?

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहित ने विशेषज्ञों एवं उत्कृष्ट सैनिकों द्वारा इसकी आलोचना किए जाने का हवाला दिया और कहा कि इसे वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि इससे बलों का मनोबल प्रभावित होता है और भ्रम की स्थिति पैदा होती है. उन्होंने कहा कि योजना को पहले पायलट परियोजना के तौर पर शुरू किया जाए और जो लोग प्रशिक्षित हों. उन्हें सैन्य बलों में भर्ती किया जाए . गोहिल ने कहा, 'अलग-अलगविभिन्न रूपरेखाओं पर काम करने के बाद ही इसे पेश किया जाना चाहिए.'

क्यों राजनाथ सिंह ने सांसदों के सामने पेश की प्रस्तुति?

इस प्रस्तुति का मकसद 18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले विपक्षी नेताओं की चिंताओं को दूर करना है. समिति के सांसदों को प्रस्तुति देने के बाद रक्षा मंत्री एवं तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने कई सवालों के जवाब भी दिए .

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योजना के ऐलान के बाद कई जगह हुए थे हिंसक प्रदर्शन

14 जून को योजना की घोषणा किए जाने के बाद कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन की खबरें आई थी . कई विपक्षी दलों ने योजना के वापस लेने की मांग की. भारतीय वायु सेना ने हाल में कहा कि उसे इस योजना के तहत 7.5 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं. पंजीकरण की प्रक्रिया 24 जून को शुरू हुई. (इनपुट: भाषा)

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