Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

बिहार में जातिगत सर्वे लागू होने के बाद सियासी घमासान, BJP ने उठाए सवाल, पढ़ें नेताओं के रिएक्शन

Bihar Caste Census Data Released: बिहार में जातिगत गणना के आंकड़े जारी करने के बाद नेताओं की जमकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

बिहार में जातिगत सर्वे लागू होने के बाद सियासी घमासान, BJP ने उठाए सवाल, पढ़ें नेताओं के रिएक्शन

Bihar Caste Census Data Released

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: बिहार में जातीय जनगणना के आंकडे़ जारी कर दिए गए हैं. नीतीश सरकार की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत है. इनमें 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 प्रतिशत से ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की संख्या है. रिपोर्ट जारी होने के बाद बिहार में सियासी घमासान शुरू हो गया है. लालू यादव, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बीजेपी समेत तमाम दलों के नेताओं के रिएक्शन आ रहे हैं. बीजेपी ने इसे गरीब लोगों के साथ धोखा बताया है.

सीएम नीतीश कुमरा ने कहा कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना की शीघ्र ही विधानसभा में जानकारी दी जाएगी. नीतीश ने ट्वीट किया, 'आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित  कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव  पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के  सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी.

सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. बिहार में  कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.

बीजेपी ने इसे बताया जनता के साथ धोखा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह धूल झोंकने वाली जाति गणना है. गरीबों  को बहकाकर समाज में भ्रम पैदा करने के लिए इस सर्वे को कराया गया है. आज हम चांद पर जा रहे हैं और नीतीश और लालू जाति गणना पेश कर रहे हैं. 33 साल की रिपोर्ट कौन देगा. लालू नीतीश दोनों मिलकर भ्रम फैला रहे हैं. यह जातिगत गणना हास्यसपद है. उन्होंने कि यह पेश करने से पहले लालू-नीतीश को बताना चाहिए कि उन्होंने कितने गरीबों को रोजगार दिया.

ये भी पढ़ें- बिहार जातिगत जनगणना का डेटा जारी, किस जाति की कितनी है जनसंख्या

लालू यादव ने क्या कहा
लालू यादव ने कहा कि बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया है. ये आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे.

कांग्रेस ने दी बधाई
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिहार सरकार को जातीय गणना के लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा इसका समर्थन किया है. अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद यहां भी जातीय गणना कराई जाएगी.
 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement