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Bullet Train: लगातार बढ़ती जा रही अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत, जानिए क्या है वजह

Mumbai Ahmedabad Bullet Train Project: महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में भूमि अधिग्रहण में देरी होने की वजह से देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत लगातार बढ़ती जा रही है.

Bullet Train: लगातार बढ़ती जा रही अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की लागत, जानिए क्या है वजह

सांकेतिक तस्वीर

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    डीएनए हिंदी: देश का पहला बुलेट ट्रेन (Bullet Train) प्रोजेक्ट अहमदाबाद और मुंबई के बीच तैयार हो रहा है. कोरोना (Covid-19) महामारी और भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की वजह से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी हो रही है. इस देरी की वजह से प्रोजेक्ट की लागत भी तेजी से बढ़ती जा रही है. अब इस प्रोजेक्ट की लागत 1.6 लाख करोड़ रुपये को भी पार कर सकती है. साल 2015 में जब इस प्रोजेक्ट के लिए फीजिबिलिटी स्टडी की गई थी तो इसकी अनुमानित लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये हो सकती है. यानी कि अब इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग डेढ़ गुना ज्यादा हो सकती है.

    रिपोर्ट के मुताबिक, जिन जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है उनकी कीमतें भी प्रोजेक्ट में देरी की वजह से बढ़ गई हैं. इसके अलावा सीमेंट, स्टील और बाकी के मटीरियल की कीमतें बढ़ने की वजह से प्रोजेक्ट की लागत बेतहाशा बढ़ गई है. नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बताया है कि प्रोजेक्ट की सही लागत तभी बताई जा सकती है कि जब जमीन का अधिग्रहण पूरा हो जाए और सभी ठेके दे दिए जाएं.

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    महाराष्ट्र में भूमि-अधिग्रहण में हो रही देरी
    आपको बता दें कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत सितंबर 2017 में हुई थी और इसकी शुरुआती डेडलाइन 2022 रखी गई थी. मुंबई और अहमदाबाद के बीच इस लाइन की लंबाई 508 किलोमीटर है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, सिर्फ़ दादरा और नगर हवेली में ही 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण हो पाया है. इसके अळावा गुजरात में 98.9 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 73 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है. केंद्र सरकार का कहना है कि महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण में देरी की वजह से ही इस प्रोजेक्ट में देरी हो रही है.

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    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण पूरा न होने पाने की वजह से प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गई है. अब इस प्रोजेक्ट के पहले फेज यानी गुजरात के बिलिमोड़ा से सूरत तक के 51 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच की डेडलाइन भी बढ़कर 2026 तक पहुंच गई है. सरकार ने प्रोजेक्ट पूरा होने की कोई डेडलाइन तय नहीं की है.

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