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E. Palaniswami बने AIADMK के जनरल सेक्रेटरी, OPS को पार्टी से निकाला, जानिए क्या है पूरा मामला

AIADMK General Body Meeting: ओ. पन्नीरसेल्वम गुट को झटका देते हुए एआईएडीएमके ने पूर्व सीएम ई पलानिस्वामी को पार्टी का नया जनरल सेक्रेटरी चुन लिया है.

E. Palaniswami बने AIADMK के जनरल सेक्रेटरी, OPS को पार्टी से निकाला, जानिए क्या है पूरा मामला

पलानिस्वामी बने जनरल सेक्रेटरी, OPS को झटका

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डीएनए हिंदी: तमिलनाडु की ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम (AIADMK) में वर्चस्व की जंग को एक दिशा मिल गई है. तमाम हंगामे और कानूनी दांवपेच के बीच ई. पलानिस्वामी को एआईएडीएमके का जनरल सेक्रेटरी चुन लिया गया है. दूसरी तरफ पूर्व सीएम ओ पन्नीरसेल्वम के समर्थकों ने एआईएडीएमके के दफ्तर के बाहर हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दी है. अब ओ. पन्नीरसेल्वम को पार्टी की पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. एआईएडीएमके ने अपनी जनरल काउंसिल की मीटिंग में प्रस्ताव पारित करके पेरियार, जयललिता और एम जी रामचंद्रन को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है. इससे पहले, हाई कोर्ट ने एआईएडीएमके को मीटिंग करने की अनुमति दे दी. 

ई. पलानिस्वामी की अगुवाई में पार्टी की जनरल काउंसिल की मीटिंग शुरू होते ही पन्नीरसेल्वम गुट के समर्थकों ने चेन्नई में पार्टी दफ्तर के बाहर और अन्य जगहों पर हंगामा शुरू कर दिया. दोनों गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी की गई जिसमें कई लोग घायल भी हो गए. बता दें कि पार्टी पर अपना वर्चस्व साबित करने के लिए ईपीएस और ओपीएस गुटों के बीच लंबे समय से संघर्ष जारी है.

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पन्नीरसेल्वम भी पहुंचे पार्टी दफ्तर

AIADMK की मीटिंग में क्या फैसला हुआ

  • जैसा कि पहले से ही तय था, एआईएडीएमके की बैठक में पलानिस्मामी को पार्टी का जनरल सेक्रेटरी चुन लिया गया.
  • पार्टी का डिप्टी जनरल सेक्रेटरी अब जनरल सेक्रेटरी के द्वारा ही चुना जाएगा
  • कोऑर्डिनेटर और जॉइंट-कोऑर्डिनेटर पोस्ट को भंग कर दिया गया
  • पार्टी में जारी विवाद को खत्म करने के लिए समाप्त की गई डबल लीडरशिप की नीति
  • AIADMK की मांग- पेरियार, जयललिता और एमजीआर को दिया जाए भारत रत्न

 

जानिए क्या है AIADMK का विवाद
साल 2016 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया था. पार्टी के पुराने वफादार रहे ओ पन्नीरसेल्वम को सीएम बनाया गया. हालांकि, ई. पलानिस्वामी ने बगावत कर दी और 72 दिन बाद ही ई. पलानिस्वामी खुद मुख्यमंत्री बन गए. पार्टी में यह समझौता हुआ कि एक नेता पार्टी संभालेगा और दूसरा सरकार. इसी नीति के तहत पन्नीरसेल्वम पार्टी के नेता रहे और पलानिस्वामी पार्टी के नेता. 

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अब सत्ता जाने के बाद AIADMK में फिर से झगड़ा शुरू हो गया. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद पलानिस्वामी पार्टी पर कब्जे की कोशिश करने लगे और पन्नीरसेल्वम ने इसका विरोध किया. पन्नीरसेल्वम ने इसके खिलाफ कोर्ट का रुख भी किया लेकिन अब एआईएडीएमके की जनरल काउंसिल की मीटिंग के बाद पलानिस्वामी को पार्टी का नेता चुन लिया गया है.

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