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Farmers Protest: दिल्ली-NCR के लोगों के लिए बड़ी राहत, पुलिस ने खोली सिंघु और टिकरी बॉर्डर की सर्विस लेन

Farmers Protest: पुलिस ने सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर के सर्विस लेन पर वाहनों को आवाजाही की अनुमति दे दी है. इस दौरान 24 घंटे नजर रखी जाएगी.

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Farmers Protest: दिल्ली-NCR के लोगों के लिए बड़ी राहत, पुलिस ने खोली सिंघु और टिकरी बॉर्डर की सर्विस लेन

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दिल्ली पुलिस ने सोमवार को हरियाणा से लगे सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर सर्विस लेन खोल दीं. किसानों के दिल्ली चलो मार्च के मद्देनजर दो सप्ताह पहले ये सर्विस लेन बंद कर दी गई थीं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम शनिवार से सिंघू और टिकरी बार्डर पर सर्विस लेन खोलने की प्रक्रिया में जुटे थे. इससे स्थानीय लोगों को आवागमन में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.

अधिकारी ने कहा कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती के माध्यम से चौबीस घंटे कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लगा क्योंकि वे अवरोधक कंक्रीट से बने थे. इन लेन के खुलने से यह सुनिश्चित होगा कि वाहन चालक अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच सकेंगे.

WTO के खिलाफ प्रदर्शन
वहीं, कृषि क्षेत्र को डब्ल्यूटीओ समझौते से बाहर करने की मांग करते हुए किसानों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर सोमवार को ट्रैक्टर रैलियां निकालीं और पुतले फूंके. यूपी में रैलियों के कारण कई स्थानों पर यातायात बाधित हुआ और किसानों ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पुतले भी जलाए. संयुक्त अरब अमीरात में डब्ल्यूटीए का 13वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हो रहा है. साल 2020-21 के किसानों आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर राजमार्गों के किनारे अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए.

हरियाणा से लगी पंजाब की सीमा पर खनौरी और शंभू बिंदुओं पर भी डब्ल्यूटीओ के पुतले जलाए गए, जहां संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेतृत्व में हजारों किसान दिल्ली मार्च को सुरक्षा बलों द्वारा रोके जाने के बाद डेरा डाले हुए हैं. किसान नेताओं ने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ का उद्देश्य कृषि सब्सिडी समाप्त करना है और अगर भारत ने इसका पालन किया, तो यह "आत्मघाती" होगा.

'हमारी मांगों को सरकार कर रही नजरअंदाज'
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टरों के साथ विरोध प्रदर्शन किया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज कर रही है. उन्होंने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले किसानों के खिलाफ अत्याचार की निंदा की.

प्रदर्शनकारियों ने पुरकाजी थाना क्षेत्र के भूराहेड़ी, खतौली थाना क्षेत्र के भंगेला, मंसूरपुर चौराहा और छपार थाना क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए. मेरठ में राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर बीकेयू कार्यकर्ताओं और किसानों ने अपने ट्रैक्टर खड़े कर दिए, जिससे सड़क पर जाम लग गया. राजमार्ग पर डब्ल्यूटीओ का एक पुतला भी जलाया गया, इस दौरान बीकेयू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी की अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हुई. (इनपुट- भाषा)

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