Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Gwalior Hot Seat: ग्वालियर में लहराएगा भगवा या सिंधिया को घर में कांग्रेस सिखाएगी सबक?

Gwalior Hot Seat: मध्य प्रदेश में ग्वालियर का इलाका सिंधिया परिवार का गढ़ रहा है. बीजेपी और कांग्रेस लिए हार जीत से अलग केंद्रीय  मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का प्रश्न है. 

Latest News
Gwalior Hot Seat: ग्वालियर में लहराएगा भगवा या सिंधिया को घर में कांग्रेस सिखाएगी सबक?

ग्वालियर में होगी बीजेपी की जीत या कांग्रेस करेगी उलटफेर?

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

TRENDING NOW

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) शुरू होने में अब गिनती के दिन बचे हैं. इंडिया गठबंधन की महारैली के बाद से विपक्षी दल भी उत्साह में नजर आ रहे हैं. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मध्य प्रदेश में करारी हार मिली थी. पार्टी के लिए लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है. खास तौर पर ग्वालियर, मुरैना और गुणा शिवपुरी की सीट जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार का गढ़ मानी जाती हैं. बीजेपी ने इस बार यहां से ओबीसी वोटों को देखते हुए भारत सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. 

सिंधिया को सबक सिखाना चाहती है कांग्रेस
कांग्रेस अब तक (1 अप्रैल तक) उम्मीदवार ही फाइनल नहीं कर सकी है. ग्वालियर सीट से बीजेपी के लिए कई दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने जातिगत समीकरणों को देखते हुए कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. इस हाई प्रोफाइल सीट पर जीत के लिए बीजेपी कैडर जमीन पर प्रचार अभियान में जुटा है. कांग्रेस किसी ऐसे उम्मीदवार को उतारना चाहती है जो कांटे की टक्कर दे सके. साथ ही, ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अब कांग्रेस उनके गढ़ में मात देकर उन्हें सबक सिखाना चाहती है. 


यह भी पढ़ें: तिहाड़ का बैरेक नंबर-2 होगा केजरीवाल का ठिकाना, पढ़ने के लिए मांगी ये 3 किताबें


वाजपेयी बनाम माधवराव सिंधिया की हुई थी जंग 
साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में यहां से बीजेपी की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी उम्मीदवार थे. दूसरी ओर कांग्रेस ने आखिरी वक्त में माधवराव सिंधिया को उतार दिया था. उस वक्त पिता और मां के बीच की राजनीतिक अदावत खुलकर सामने आई थी. राजमाता विजया राजे सिंधिया ने अपनी पार्टी के उम्मीदवार वाजपेयी के लिए वोट मांगे थे. हालांकि, इसके बाद भी देश के पूर्व प्रधानमंत्री को हार का सामना करना पड़ा था. 


यह भी पढ़ें: गुणा में अपनी पारिवारिक सीट बचा पाएंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया? 


इस सीट से कांग्रेस आखिरी बार साल 2004 में जीती थी तब रामसेवक बाबूजी सांसद बने थे. हालांकि, वह कैश लेकर सवाल पूछने वाले स्टिंग ऑपरेशन में फंस गए और उसके बाद से कांग्रेस यहां कभी नहीं जीती.  

डीएनए हिंदी का मोबाइल एप्लिकेशन Google Play Store से डाउनलोड करें.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement