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दाऊद इब्राहिम की तरह मशहूर होना चाहता था हाशिम बाबा, जानें इस गैंगस्टर की फिल्मी स्टोरी

दिल्ली में कई वारदातों को अंजाम दे चुका हाशिमा बाबा आज भी जेल से गिरोह चला रहा है. आखिर है ये हाशिम बाबा जानें विस्तार से.

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दाऊद इब्राहिम की तरह मशहूर होना चाहता था हाशिम बाबा, जानें इस गैंगस्टर की फिल्मी स्टोरी
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हाशिम बाबा का नाम दिल्ली की कई बड़ी वारदातों से जुड़ा है. हाशिम पर हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. हाशिम उस वक्त ज्यादा सुर्खियों में आया जब जुलाई महीने में दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में उसके गिरोह ने गलती से किसी और मरीज को शूट कर दिया था. दरअसल शूटर वसीम नाम के व्यक्ति को मारने आए थे लेकिन रियाजुद्दीन नाम के मरीज की हत्या कर गए. पुलिस ने गोलीकांड के इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में पता चला कि इस शूटआउट में हाशिम बाबा के खासमखास फहीम उर्फ बादशाह खान का हाथ था. 

16 आपराधिक मामले दर्ज हैं गैंगस्टर पर
हाशिम का असली नाम आशिम है. उसे दिल्ली पुलिस ने साल 2020 में गिरफ्तार किया था. पिछले 4 सालों से वह दिल्ली की मंडोली जेल में कैद है. दिल्ली पुलिस ने इस गैंगस्टर पर 6 लाख रूपये का इनाम भी  रखा था. हाशिम पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था. हैरानी की बात ये है हाशिम के जेल में बंद होने के बाद भी उसके इशारे पर 2019 से अब तक 5 हत्याएं हो चुकी हैं. हाशिम पर दिल्ली के वेलकम, जाफराबाद और भजनपुरा इलाकों में हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती सहित 16 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इतने अपराधों को अंजाम देने वाले वाले हाशिम की कहानी भी किसी भी फिल्म की कहानी से कम नहीं है. 

कैसे चप्पल बनाने वाला बना गैंगस्टर हाशिम बाबा
हाशिम ने क्राइम की दुनिया में साल 2007 में कदम रखा. न्यूज 18 पर छपी खबर के मुताबिक, एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हाशिम बाबा आठवीं तक पढ़ा है. उसने शुरुआत में दिल्ली के एक कारखाने में चप्पल बनाने का काम शुरू किया. जल्द ही वह मादक पदार्थों का गैर-कानूनी कारबोर करने वाले और अवैध सट्टेबाजी रैकेट चलाने वाले स्थानीय अपराधियों की संगत में आ गया. उनका शार्पशूटर बन गया. एक अधिकारी ने बताया कि हाशिम इतना बैखोफ था कि कभी गोली चलाने से नहीं हिचकता था. 

दाऊद इब्राहिम की तरह फेमस होना चाहता था हाशिम
हाशिम को सट्टेबाजी के काम में ये समझ आ गया था कि इसमें वह केवल यमुनापार के इलाके में ही सिमट कर रह जाएगा. पर उसे अपना नाम देश और दुनिया में करना था. वह दाऊद इब्राहिम की तरह फेमस होना चाहता था. इसके लिए उसने मर्डर, फिरौतियां और लोगों को धमकाना शुरू कर दिया. हाशिम ने यमुनापार के बड़े गैंगस्टर अब्दुल नासिर गैंग को जॉइन किया. गैंग का लीडर नासिर एक केस में जेल चला गया. तब हाशिम बाबा ने नासिर गैंग की कमान संभाल ली. नासिर जब जेल से वापस आ गया तो हाशिम ने अपना खुद का गैंग हाशिम बाबा बना लिया. 

हाशिम के साथ कैसे जुड़ा 'बाबा' शब्द
संजय दत्त की फिल्मों से प्रभावित होकर हाशिम ने अपने नाम के आगे 'बाबा' शब्द जोड़ा. उसका असली नाम आशिम है. 90 के दशक में लोग संजय दत्त को संजू बाबा कहकर बुलाते थे. संजय दत्त के लंबे बाल हुआ करते थे. एक्टर से प्रभावित होकर हाशिम ने भी खुद के बड़े बाल रख लिए. उसकी गैंग के लोग उसे हाशिम 'बाबा' कहने लगे.


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सिद्धू मूसेवाला के आरोपी के साथ भी सांठगांठ
हाशिम ने पंजाबी गायक और नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ तिहाड़ जेल के अंदर सांठगांठ की थी. हाशिम कथित तौर पर दिल्ली में बिश्नोई गिरोह के सदस्यों को हथियार हासिल करने में मदद की थी. आपको बता दें बिश्नोई मई 2023 तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था. फिलहाल वह गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती केंद्रीय कारागार में बंद है.   
 

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