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SC या चुनाव आयोग के आदेश से जाएगी हेमंत सोरेन की कुर्सी? CM हाउस पर बुलाए गए सभी विधायक

Jharkhand Political Crisis: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को डर सताने लगा है कि सुप्रीम कोर्ट या चुनाव आयोग के फैसले के बाद उनकी कुर्सी छिन सकती है. इसी के मद्देनजर सभी विधायकों को निर्देश जारी किए गए हैं.

SC या चुनाव आयोग के आदेश से जाएगी हेमंत सोरेन की कुर्सी? CM हाउस पर बुलाए गए सभी विधायक

हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है.

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में जैसा हुआ वैसा कहीं झारखंड में न हो जाए. यह डर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस गठबंधन को लंबे समय से सता रहा है. इस यूपीए गठबंधन ने आरोप भी लगाए हैं कि बीजेपी (BJP) लगातार कोशिश कर रही है कि झारखंड सरकार को गिराया जा सके. अब ऑफिस ऑफ प्रॉफिट से जुड़े विवाद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के खिलाफ केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई पूरी होने के बाद झारखंड की सरकार एक्स्ट्रा अलर्ट मोड में है. इस मामले में फैसला कभी भी आ सकता है. इसी को देखते हुए गठबंधन ने शनिवार को सभी विधायकों की बैठक बुलाई है. साथ ही, यह भी कहा गया है कि सभी विधायक राजधानी रांची के आसपास ही रहें.

बीजेपी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने नाम माइनिंग लीज लेने का आरोप लगाते हुए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी. इसी मामले में चुनाव आयोग ने सुनवाई की. अब चुनाव आयोग का फैसला किसी भी दिन आ सकता है. उधर माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश के आरोपों से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई पूरी ली है और अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

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फैसले से बदल सकती है झारखंड की राजनीति
चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट, दोनों के आगामी फैसले राज्य के सत्ता समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा, इन सबके मद्देनजर यूपीए ने शनिवार को सीएम आवास में बेहद ज़रूरी मीटिंग बुलाई है. गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी रांची के आस-पास मौजूद रहने को कहा गया है. माना जा रहा है कि किसी भी संभावित खतरे के मद्देनजर सरकार अपने गठबंधन की किलेबंदी की मजबूती सुनिश्चित करना चाहती है. 

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बीते 30 जुलाई को कांग्रेस के तीन विधायक कोलकाता में 49 लाख रुपये कैश के साथ पकड़े गये थे. कांग्रेस नेतृत्व ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया था कि ये तीनों झारखंड की सरकार को गिराने के लिए असम से रची जा रही एक साजिश का हिस्सा बन गए थे और इसी वजह से इन तीनों को पार्टी ने निलंबित कर रखा है. कांग्रेस को लगता है कि साजिश के तार अब भी बुने जा सकते हैं. लिहाजा, तीन निलंबित विधायकों के अलावा पार्टी के अन्य 15 विधायकों की हर गतिविधि पर नेतृत्व की अब गहरी निगाह है.

विधायकों को निर्देश, स्पीकर ने रद्द किया विदेश दौरा
जेएमएम ने भी अपने विधायकों को ऐसे ही निर्देश दिए हैं. विधानसभा में जेएमएम के सचेतक विधायक मथुरा महतो ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक शनिवार को सीएम आवास पर 11 बजे पहुंचेंगे. इधर जेएमएम से ताल्लुक रखने वाले झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को कनाडा में होने वाली राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की बैठक में शिरकत करने के लिए गुरुवार को रवाना होना था लेकिन उन्होंने अंतिम समय में यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया. हालांकि, इसके पीछे उन्होंने अपनी सेहत से जुड़े कारणों का हवाला दिया है. स्पीकर के साथ जेएमएम के विधायक निरल पूर्ति को भी जाना था. उन्होंने भी यह कार्यक्रम रद्द कर दिया.

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क्या झारखंड की सरकार को वाकई कोई खतरा है? इस सवाल पर शुक्रवार को पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार में कोई क्राइसिस नहीं है. राज्य में जबसे गठबंधन की सरकार बनी है, बीजेपी तभी से हर कुछ रोज पर इसके गिरने की मियाद तय करती रहती है. भट्टाचार्य ने कहा कि शनिवार को बुलाई गई यूपीए की बैठक सुखाड़ (सूखा) के मुद्दे पर है.

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