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PFI संगठन खत्म!, सरकारी बैन के बाद केरल के महासचिव की घोषणा, फेसबुक पर पोस्ट करते ही गिरफ्तार हुए

PFI के केरल राज्य महासचिव अब्दुल सत्तार ने कहा- हम कानून को मानने वाले नागरिक हैं, इसलिए इस निर्णय को स्वीकार करते हैं.

PFI संगठन खत्म!, सरकारी बैन के बाद केरल के महासचिव की घोषणा, फेसबुक पर पोस्ट करते ही गिरफ्तार हुए
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डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार की तरफ से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए बुधवार को इस संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया. PFI और उससे जुड़े संगठनों को 5 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है. इसके बाद शाम के समय PFI की सबसे मजबूत केरल यूनिट के एक आला पदाधिकारी ने इस संगठन को भंग किए जाने की घोषणा कर दी. हालांकि अभी तक PFI के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की तरफ से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है, लेकिन PFI के केरल राज्य महासचिव अब्दुल सत्तार (Kerala State General Secretary of PFI Abdul Sattar) ने कहा कि हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और संगठन प्रतिबंध लगाने के सरकारी फैसले को स्वीकार करता है.

पढ़ें- Ban on PFI: पीएफआई को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, 5 साल के लिए लगाया बैन

क्या कहा अब्दुल सत्तार ने

ANI के मुताबिक, सत्तार ने फेसबुक पोस्ट में कहा, PFI के सभी सदस्यों और आम जनता को जानकारी दी जाती है कि Popular Front of India को भंग कर दिया गया है. गृह मंत्रालय ने PFI पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना जारी की है. अपने महान देश के कानून का पालन करने वाले नागरिक होने के नाते संगठन इस सरकारी फैसले को स्वीकार कर रहा है.

पढ़ें- 10 Points: आसान शब्दों में समझें PFI पर क्यों हुई 'सर्जिकल स्ट्राइक'?

पोस्ट करते ही गिरफ्तार किए गए सत्तार

फेसबुक पर PFI को भंग करने की घोषणा करने के तत्काल बाद इस प्रतिबंधित इस्लामी संगठन के वरिष्ठ नेता अब्दुल सत्तार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सत्तार को केरल के कोलम (Kollam) में करुनागापल्ली (Karunagappally) से गिरफ्तार किया गया है. हालांकि उन्हें गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं बताया गया, लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सत्तार का केरल में बेहद प्रभाव है और उनके बयान से अशांति फैल सकती है, इसलिए उन्हें फिलहाल हिरासत में लिया गया है. 

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23 सितंबर को केरल बंद के बाद से फरार थे सत्तार

अब्दुल सत्तार ने पूरे देश में PFI से जुड़े ठिकानों पर की गई छापेमारी के विरोध में 23 सितंबर को केरल बंद की घोषणा की थी. यह बंद बेहद हिंसक साबित हुआ था. इसके बाद से ही सत्तार की गिरफ्तारी की कोशिश चल रही थी, लेकिन वह फरार हो गए थे. माना जा रहा है कि केरल पुलिस उन्हें बुधवार रात को ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में सौंप देगी.

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