Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Odisha Train Accident: हादसे के 4 दिन बाद भी 100 शव पड़े हैं 'लावारिस' मुर्दाघरों में अपनों को तलाश रहे लोग

Coromandel Express Accident: ओडिशा सरकार ने फर्जी दावेदारों से बचने के लिए कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले DNA नमूने लेने शुरू किए.

Odisha Train Accident: हादसे के 4 दिन बाद भी 100 शव पड़े हैं 'लावारिस' मुर्दाघरों में अपनों को तलाश रहे लोग

Odisha Train Accident

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए ट्रेन हादसे ने दिल दहला कर रख दिया था. इस दर्दनाक हादसे को कभी नहीं भूला जा सकता. इसमें 275 लोगों की जान चली गई और 1000 से ज्यादा यात्री घायल हो गए. इस हादसे को तीन बीत चुके हैं लेकिन अभी भी लोग अपनों की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं. लोगों को ना अपनों का शव मिल रहा है और उनके बारे में कोई जानकारी. अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 100 शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है. यह शव ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में पड़े हैं. 

इस बीच, भुवनेश्वर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने शवों की पहचान के लिए अपने रिश्तेदारों की तलाश कर रहे लोगों के डीएनए नमूने लेने शुरू कर दिए हैं. ओडिशा सरकार ने शवों की पहचान को प्रमाणित करने और फर्जी दावेदारों से बचने के लिए सोमवार को कुछ संदिग्ध मामलों में शवों को वास्तविक रिश्तेदारों को सौंपने से पहले डीएनए नमूने लेने शुरू किए. बिहार के भागलपुर के दो अलग-अलग परिवारों द्वारा एक शव को अपने रिश्तेदार होने का दावा करने के बाद यह निर्णय लिया गया.

ये भी पढ़ें- बेटे की मौत पर नहीं हो रहा था भरोसा, घंटों बाद पिता ने मुर्दाघर से जिंदा खोज निकाला

झूठे दावे से बचने के लिए कराया जा रहा DNA टेस्ट
जानकारी के मुताबिक, कुछ शवों के क्षत-विक्षत अवस्था में होने के कारण उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में राज्य सरकार को यह तय करने में मुश्किल आ रही है कि शव किसे सौंपा जाए, जिसके बाद उसने दावेदारों का डीएनए नमूना लेने और ऐसे संदिग्ध मामलों में इसे एक सामान्य प्रक्रिया बनाने का फैसला किया. एक अधिकारी ने बताया, डीएनए का मिलान होने पर ही हम शव सौंपेंगे. हमें संदेह है कि रेलवे और संबंधित राज्य सरकारों से मिलने वाले मुआवजे के कारण कुछ लोग शवों पर झूठे दावे कर सकते हैं.

ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के डिवीजन रेलवे मैनेजर रिंकेश रॉय ने बताया कि ओडिशा के कई अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है. बालासोर हादसे में करीब 1100 लोग घायल हुए थे, जिसमें से 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. फिलहाल ओडिशा के अस्पातलों में दो सौ लोगों का इलाज चल रहा है.

ये भी पढ़ें- मणिपुर में उग्रवादियों ने की गोलीबारी, BSF का एक जवान शहीद, सर्च ऑपरेशन जारी

'NDRF के जवान को खून जैसा लग रहा पानी'
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने मंगलवार को बताया कि ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान में तैनात बल का एक कर्मी जब भी पानी देखता है तो उसे वह खून की तरह लगता है, जबकि एक अन्य बचावकर्मी को भूख लगना बंद हो गई है. बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने के बाद बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ के 9 दलों को तैनात किया गया था. भारत के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में कम से कम 278 लोगों की मौत हो गई और 1000 से अधिक लोग घायल हो गए.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement