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पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट का ट्वीट, 'सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा'

Sachin Pilot Dausa: सचिन पायलट आज अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर दौसा से कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं.

पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर सचिन पायलट का ट्वीट, 'सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा'

Sachin Pilot

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डीएनए हिंदी: आज कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे राजेश पायलट की पुण्यतिथि है. उनकी पुण्यतिथि का कार्यक्रम राजस्थान के दौसा में होना है. इस मौके पर सबकी निगाहें उनके बेटे और फिलहाल कांग्रेस के नेता सचिन पायलट पर टिकी हुई हैं. कहा जा रहा है कि राजेश पायलट की पुण्यतिथि के मौके पर सचिन पायलट कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं. यह ऐलान नई पार्टी बनाने का भी हो सकता है. सचिन पायलट ने आज सुबह एक ट्वीट में राजनीतिक संकेत देने की कोशिश भी की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि न कभी उनके पिता ने सिद्धांतों से समझौता किया और न ही वह ऐसा करने वाले हैं.

सचिन पायलट ने अपने पिता की पुण्यतिथि के मौके पर किए ट्वीट में लिखा है, मेरे पूज्य पिताजी स्व. श्री राजेश पायलट जी की पुण्यतिथि पर उन्हें हृदय से नमन करता हूं. अपनी कर्मभूमि से उनका जुड़ाव, जनता से अपनेपन का रिश्ता और जनकल्याण के प्रति उनकी समर्पित कार्यशैली मेरे लिए मार्गदर्शक हैं. उन्होंने जनहित को सर्वोपरि मानकर कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया. उनके विचारों और आदर्शों का मैं सदैव अनुसरण करता रहूंगा.'

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बेहद अहम क्यों है दौसा?
राजस्थान का दौसा लोकसभा क्षेत्र राजेश पायलट की कर्मभूमि माना जाता है. निधन से पहले राजेश पायलट यहां से लगातार चार बार और कुल पांच बार सांसद रहे थे. उनके निधन के बाद साल 2000 में उनकी पत्नी रमा पायलट यहां से उपचुनाव जीतीं. 2004 में सचिन पायलट ने अपना पहला चुनाव इसी सीट से जीता और आगे चलकर केंद्र सरकार में मंत्री भी बने.

चर्चाएं हैं कि लगातार हाशिए पर चल रहे सचिन पायलट कोई बड़ा निर्णय लेने वाले हैं. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह अपनी पार्टी बनाएंगे या फिर कांग्रेस में ही रहकर और इंतजार करेंगे. दरअसल, वह मांग कर रहे हैं कि बीजेपी सरकार के दौरान हुए 'भ्रष्टाचार' के खिलाफ जांच करवाई जाए. कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें और अशोक गहलोत को बुलाकर लंबी बैठक की थी और सबकुछ सही होने का संकेत देने की कोशिश भी की थी.

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अभी संतुष्ट नहीं हुए हैं सचिन पायलट?
हालांकि, इतना स्पष्ट है कि सचिन पायलट अभी भी संतुष्ट नहीं हुए हैं. दिल्ली में हाई कमान से हुई मुलाकात के बाद भी उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वह कोई समझौता नहीं करने वाले हैं. इसका मतलब है कि वह चुनावी साल में भी अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल उठाते रहेंगे. दूसरी तरफ, अशोक गहलोत को भी सचिन पायलट के साथ चलने में कोई विशेष रुचि नहीं है.

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