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Maharashtra Crisis: स्पीकर के चुनाव से पहले आया ट्विस्ट, विधानसभा में शिवसेना का दफ्तर सील

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने विधानसभा भवन में विधायक दल के कार्यालय को सील कर दिया है. ऐसा लग रहा है कि अब उद्धव अपनी पार्टी पर भी कमान खो चुके हैं.

Maharashtra Crisis: स्पीकर के चुनाव से पहले आया ट्विस्ट, विधानसभा में शिवसेना का दफ्तर सील

उद्धव ठाकरे. (फाइल फोटो-PTI)

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डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) के रविवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय विशेष सत्र से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena)  के धड़े ने यहां विधान भवन में विधायक दल के कार्यालय को सील कर दिया. 

विधान भवन में शिवसेना विधायक दल के कार्यालय के बंद दरवाजों पर प्लास्टिक टेप के साथ एक सफेद कागज चिपकाया गया है, जिस पर मराठी में संदेश लिखा है, 'शिवसेना विधायक दल के निर्देशानुसार कार्यालय बंद है.'

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4 जुलाई को बहुमत साबित करेगी एकनाथ सरकार!

महाराष्ट्र में नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोग से बनी नई सरकार रविवार से शुरू हो रहे विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में 4 जुलाई को बहुमत साबित करेगी. रविवार को दोपहर 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा.

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अध्यक्ष पद के लिए कौन-कौन दावेदार?

महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए शिवसेना के विधायक राजन साल्वी ने महा विकास आघाड़ी  के प्रत्याशी के रूप में शनिवार को नामांकन दाखिल किया. इस पद के लिए चुनाव आज (3 जुलाई को) होगा. वहीं दूसरी तरफ पहली बार विधायक बने बीजेपी (BJP) नेता राहुल नार्वेकर ने इस पद के लिए शुक्रवार को नामांकन किया था. 

राहुल नार्वेकर, मुंबई की कोलाबा विधानसभा के विधायक हैं, जबकि राजन साल्वी, रत्नागिरी की राजापुर विधानसभा से विधायक हैं. विधानसभा का विशेष सत्र 3 और 4 जुलाई को होगा. 

क्या पार्टी का अस्तित्व बचा पाएंगे उद्धव ठाकरे?

शिवसेना से एकनाथ शिंदे की बगावत के कारण इन तीनों पार्टियों की सरकार बीते बुधवार को गिर गई थी. फिर इसके अगले ही दिन एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की थी. शिवसेना के अध्यक्ष बाला साहेब ठाकरे अब अपने सियासी अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कहीं पद गंवाने के बाद अब उद्धव ठाकरे पिता की बनाई पार्टी से भी हाथ न धो बैठें.

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