Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस के बीच AAP कितना दिखा पाएगी दम, क्या केजरीवाल बनेंगे 'नायक'

केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिलने के आम आदमी पार्टी को उम्मीद है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. दूसरा कांग्रेस और बीजेपी में आपसी कलह उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है. इस बार हरियाणा में खास होगा ये 'तिकड़ी' समीकरण.

Latest News
हरियाण��ा विधानसभा चुनाव में BJP और कांग्रेस के बीच AAP कितना दिखा पाएगी दम, क्या केजरीवाल बनेंगे 'नायक'
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

कहावत है दो बिल्लियों की लड़ाई में बंदर बाजी मार ले गया. ऐसा ही माहौला आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रहा है. कांग्रेस और बीजेपी में नेताओं के बागी स्वर, पार्टी को छोड़ देना या किसी दूसरी पार्टी में शामिल हो जाना दोनों पार्टियों के लिए जीत की राह में रोड़े के समीकरण बना रहे हैं. तीसरी तरफ आम आदमी पार्टी में कांग्रेस के कई नेताओं का शामिल होना और राज्य के क्षेत्रीय दलों का उभरना भी कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती बनकर सामने आ सकते हैं. 

केजरीवाल की जमानत चुनाव पर कितना डालेगी असर?
शुक्रवार को केजरीवाल को भी सुप्रीम कोर्ट से शराब घोटाला मामले में जमानत मिल गई. ऐसे में आम आदमी पार्टी की उम्मीदें हरियाणा में अच्छा प्रदर्शन करने को लेकर ज्यादा बढ़ गई हैं. पार्टी उन्हें 'नायक' के तौर पर देख रही है. हरियाणा में नामांकन भरने की अंतिम तारीख 12 सितंबर थी. पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर बात चल रही थी, लेकिन अब वह भी ठंडे बस्ते में है और दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन नहीं हो सका. ऐसे में आप ने सभी 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए. कांग्रेस का आप से गठबंधन न करना उन्हें नुकसान में डाल सकता है.

कांग्रेस -आप गठबंधन से बन सकता था जीत का समीकरण
लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. आप ने कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ा था. इस सीट पर आप के सुशील गुप्ता दूसरे नंबर पर रहे थे. केवल एक लोकसभा सीट पर चुनाव लड़कर हरियाणा में आम आदमी पार्टी को 3.94 फीसदी वोट मिले थे. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी हरियाणा चुनाव में कुछ सीटों पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. ऐसे में कांग्रेस का खेल बिगड़ने के आसार हैं. 

जन्मभूमि हरियाणा में मिलेगा केजरीवाल को फायदा
केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल हरियाणा में लगातार चुनावी रैलियां कर रही हैं. हरियाणा में बीजेपी 10 सालों से है. ऐसे में बीजेपी के कामों में क्या खामियां रहीं, इनको गिनवाकर सुनीता केजरीवाल आम आदमी पार्टी के लिए अच्छी बढ़त बनाती नजर आ रही हैं. वे रैलियों में कह रही हैं कि केजरीवाल को फर्जी तरीके से जेल में डाला गया. अरविंद केजरीवाल हरियाणा में ही पैदा हुए. तो हो सकता है कि केजरीवाल को जन्मभूमि का कुछ फायदा मिले. अब केजरीवाल जेल से बेल पर बाहर आ चुके हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में कुछ सीटों से ऐसे कद्दावर नेताओं को खड़ा किया है जिनका अपना वोट बैंक है.  गुहला चीका से राकेश पार्षद, जगाधारी से आदर्शन पाल गुर्जर, रानियां से हरपिंदर सिंह हैप्पी और कलायत से अनुराग ढांडा जैसे नेताओं को खड़ा करना पार्टी के लिए जीत की संभावनाओं को बढ़ाता है.  

आप ने दिल्ली-पंजाब में कांग्रस को हराकर बनाई थी सरकार
आम आदमी पार्टी का इतिहास देखें तो पता चलता है कि उसने बीजेपी का इतना नुकसान नहीं किया है जितना कांग्रेस का किया है. दिल्ली और पंजाब विधानसभा चुनावों में आप आदमी पार्टी का जीतना यही बताता है.  कांग्रेस का जो कोर वोटर है वही आम आदमी पार्टी का भी है. ऐसे में कांग्रेस अगर आप के साथ गठबंधन करती तो उसे ज्यादा फायदा मिलता. 

भाजपा के कई नेताओं ने पार्टी से किया किनारा
भारतीय जनता पार्टी से कई नेता नाखुश हैं और पार्टी से किनारा कर लिया है. भाजपा के सतीश यादव, सुनाव राव, छत्रसाल सिंह, कृष्ण बजाज जैसे नेताओं आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. तो वहीं, मंत्री रंजीत चौटाला ने तो टिकट न मिलने पर पार्टी ही छोड़ दी. दूसरी तरफ कांग्रेस से आए नेताओं को तवज्जो देने पर भी कई नेता बगावत पर उतर आए हैं.  पार्टी ने बागी नेताओं को मनाने के लिए जिला और राज्य स्तर पर कुछ वरिष्ठ, अनुभवी और पुराने कार्यकर्तां को जिम्मेदारी सौंपी है. 


यह भी पढ़ें - Arvind Kejriwal को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत, 177 दिन बाद जेल से आएंगे बाहर


 

कांग्रेस में आपसी कलह न बिगाड़ दे खेल
हरियाणा काग्रेस में अपनी मजबूत उपस्थिति रखने वाले ललित नागर नागर को इस बार तिगांव विधानसभा से टिकट नहीं मिला. वे हरियाणा के तिगांव विधानसभा से तब जीते थे जब साल 2014 में नरेंद्र मोदी की लहर में भाजपा ने हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी. इस बार कांग्रेस से टिकट न मिलने पर ललित नागर ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया. तो वहीं, बल्लभगढ़ विधानसभा की पूर्व विधायक रहीं शारदा राठौर ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. टिकट न मिलने पर नलवा में कांग्रेस नेता संपत सिंह और कांग्रेस नेता उपेंद्र कौर अहलूवालिया ने भी बगावती सुर दिखाए हैं. पानीपत शहरी सीट से टिकट नहीं मिलने पर रोहिता रेवाड़ी ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.  

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement