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बिहार में 3 लाख शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ, सबसे बड़ा वादा निभा पाएंगे तेजस्वी यादव?

Bihar 10 Lakh Jobs Promise: बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियों का अपना वादा पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है.

बिहार में 3 लाख शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ, सबसे बड़ा वादा निभा पाएंगे तेजस्वी यादव?

Tejashwi Yadav

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डीएनए हिंदी: विपक्ष में रहते हुए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बिहार में लाखों नौकरियों का वादा किया था. जब फिर से महागठबंधन बना तो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी ने कहा कि वह 10 लाख नौकरियों का अपना वादा पूरा करेंगे. अब बिहार की सरकार ने 3 लाख सरकारी टीचर्स (Government Teachers) की भर्ती की ओर कदम बढ़ा दिया है. बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने शिक्षक नियोजन नियमावली को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही सातवें चरण की शिक्षक भर्ती (7th Phase Teachers Recruitment) का रास्ता साफ हो गया है. इस चरण में इसी साल बिहार का शिक्षा विभाग 3 लाख टीचर्स की नियुक्ति करेगा. अब इस नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.

बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने ट्वीट करके बताया कि पिछले दिनों बिहार के प्रशासन और वित्त विभाग ने इस पर अपनी मंजूरी दी थी. नई नियमावली के मुताबिक, बिहार में शिक्षक भर्ती के नियमों में कई बड़े बदलाव भी होंगे. इन नियमों के मुताबिक, शिक्षक भर्ती का अधिकार पंचायतों और नगर निकायों से वापस लेकर फिर से एकीकृत आयोग को सौंपा जा रहा है. पुरानी नियमावली में कुल 9,222 नियोजन इकाइयां थीं जबकि नई नियमावली में सिर्फ 38 रह जाएंगी यानी बिहार के हर जिले के हिसाब से एक-एक नियोजन इकाई.

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बिहार की शिक्षक भर्ती में बड़े बदलाव
पुरानी नियमावली में मेरिट लिस्ट के लिए हाई स्कूल, इंटरमीडिएट, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और टीचर प्रशिक्षण जैसे कि बी एड में मिले अंकों को वेटेज के तौर पर शामिल किया जाता था. नई नियमावली में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. अब जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा नियमावली, बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली और बिहार नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा नियमावली की जगह सिर्फ एक ही नियमावली के जरिए भर्ती की जाएगी.

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बिहार में अपना भविष्य देख रहे तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी इसी उम्मीद में है कि अगली बार तेजस्वी ही सीएम बनेंगे. खुद नीतीश कुमार भी कह चुके हैं कि अगला चुनाव तेजस्वी की अगुवाई में लड़ा जाएगा. ऐसे में तेजस्वी यादव के लिए अपने वादों पर खरा उतरना बेहद जरूरी है. राजनीतिक तौर पर खुद को साबित करने के लिए भी तेजस्वी के पास अभी समय है और अगर अगले चुनाव से पहले बिहार में शिक्षकों की बहाली हो जाती है तो यह तेजस्वी यादव, आरजेडी और महागठबंधन के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.

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लोकसभा चुनाव में भी बाजी मारेगा महागठबंधन?
बिहार में रोजगार और नौकरी बड़ा मुद्दा है. सालों से बिहार में नौकरियों का अकाल पड़ा है. ऐसे में अगर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले 3 लाख शिक्षकों की भर्ती होती है तो इसका फायदा तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी को जरूर मिलेगा. सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी वैसे भी बैकफुट पर है लेकिन 2024 के चुनाव में उसे पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वोट बटोरने का भरोसा है.

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