Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Gyanvapi Masjid: 'बाबरी मस्जिद खो चुके हैं, एक और नहीं खो सकते', वाराणसी कोर्ट के फैसले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी

Gyanvapi Masjid: असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मामले में फैसला बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है.

Gyanvapi Masjid: 'बाबरी मस्जिद खो चुके हैं, एक और नहीं खो सकते', वाराणसी कोर्ट के फैसले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी

image credit- twitter/aimim_national

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaddudin Owaisi) का ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) सर्वे मामले पर वाराणसी की अदालत द्वारा दिए गए फैसले पर बयान सामने आया है. उन्होंने अदालत की पीठ के फैसले को 'घोर उल्लंघन' बताया है. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद बनाम श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी की अदालत द्वारा दिया गया फैसला पूजा स्थल अधिनियम 1991 का घोर उल्लंघन है. उन्होंने यह भी कहा कि वह पहले ही बाबरी मस्जिद खो चुके हैं, अब एक और मस्जिद नहीं खोएंगे.  

एएनआई से बात करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मामले में फैसला बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन है. ओवैसी ने कहा कि 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का यह खुला उल्लंघन है. ओवैसी ने कहा "मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. मैंने एक बाबरी मस्जिद खो दी है और मैं दूसरी मस्जिद नहीं खोना चाहता."

ये भी पढ़ेंः Gyanvapi Masjid के सर्वे पर वाराणसी कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
दूसरी तरफ ज्ञानवापी मस्जिद  के सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. गुरुवार को इस मामले में सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में सर्वे का काम रोकने की मांग की गई है. अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी की ओर से हुजैफा अहमदी ने CJI के सामने कहा कि निचली अदालत के फैसले पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी. ऐसे में इस मामले को आज ही सुना जाना चाहिए. याचिका में यथस्थिति बनाए रखने का आदेश जारी करने की मांग की गई है. मामले में सुनवाई करते हुए सीजेआई ( CJI) एनवी रमन्ना ने कहा कि अभी हमने पेपर नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि मामले को पूरा देखे बिना कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है. कोर्ट में इस मामले में तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गया है. 

ये भी पढ़ेंः Gyanvapi History: पांच सौ सालों के दौरान हुए कई हमले, जानिए किस तरह आगे बढ़ा ज्ञानवापी केस

वाराणसी कोर्ट ने ये दिया आदेश
गुरुवार को निकली अदालत ने अपने आदेश में साफ कर दिया कि कमिश्नर कहीं भी फोटोग्राफी के लिए स्वतंत्र होंगे. मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी की जाएगी. आदेश में कहा गया कि सर्वे के दौरान वादी, प्रतिवादी, एडवोकेट, एडवोकेट कमिश्नर और उनके सहायक व सर्वे से संबंधित और कोई नहीं होगा. जिला प्रशासन ताले को खुलवाकर या ताले को तुड़वाकर भी सर्वे कराएगा. डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी मॉनिटरिंग करें. सर्वे पूरा कराने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर की होगी. जिला प्रशासन बहाना बनाकर सर्वे की कार्रवाई को टालने का प्रयास नहीं करेंगे. 

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement