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Most Wanted Deepti Bahal: कॉलेज प्रिंसिपल से यूपी की मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल तक, हैरान करने वाली है दीप्ति बहल की कहानी

Most Wanted Deepti Bahal: दीप्ति बहल यूपी पुलिस के रडार में है. एक प्रिंसिपल रही दीप्ति ने अपराध की दुनिया में ऐसा कदम रखा कि वह आज यूपी पुलिस ने उस पर 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा है.

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Most Wanted Deepti Bahal 

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद की हत्या के बीच यूपी पुलिस और पूरा प्रशासन अपराधियों के पीछे पड़ गया है. अतीक की पत्नी शाइस्ता से लेकर मुख्तार की पत्नी आफ्शां तक पर पुलिस ने इनाम घोषित कर रखा है. दोनों पर ही 50 हजार का इनाम है लेकिन क्या आपको पता है कि यूपी में एक ऐसी महिला अपराधी भी है जिस पर 5 लाख का इनाम रखा गया है. इसका नाम है दीप्ति बहल. दीप्ति के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस तक जारी किया जा सकता है लेकिन आखिर दीप्ति बहल की अपराध की दुनिया की कहानी क्या है चलिए इसके बारे में बताते हैं. 

दरअसल, दिल्ली एनसीआर के लोनी में रहने वाली दीप्ति बाइक बॉट घोटाले की मुख्य आरोपी है. वह बाइक टैक्सी वेंचर को बढ़ावा देने की आड़ में नोएडा से ऑपरेशन चलाने वाले मास्टरमाइंड संजय भाटी की पत्नी है. इस मामले की जांच कर रही मेरठ आर्थिक अपराध शाखा ने अनुमान लगाया है कि यह स्कैम करीब 4,500 करोड़ रुपए का है. इस मामले में पूरे देश भर में 250 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. दीप्ति 2019 से फरार है.

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आर्थिक अपराध में दीप्ति का नाम

इस मामले में मेरठ में ईओडब्ल्यू के एक अधिकारियों का कहना है कि साल  2019 में घोटाले की जांच कर रही यूपी पुलिस ने पाया था कि दीप्ति के पति संजय भाटी और उनके परिवार के सदस्यों ने 20 अगस्त 2010 को गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (जीआईपीएल) नामक एक रियल एस्टेट कंपनी बनाई. यह कंपनी ग्रेटर नोएडा से बाइक बॉट की प्रमोटर बनी थी. 

अधिकारियों ने कहा कि अगस्त 2017 में भाटी ने कंपनी के माध्यम से 'बाइक बॉट - जीआईपीएल की ओर से संचालित बाइक टैक्सी' योजना शुरू की और दीप्ति को कंपनी में अतिरिक्त निदेशक बनाया गया. कोर्ट की एक सुनवाई के दौरान दीप्ति के वकील ने दावा किया कि दीप्ति कंपनी की गैर-कार्यकारी निदेशक थी. उसने 14 फरवरी 2017 को फर्म से इस्तीफा दे दिया था लेकिन जब दीप्ति के खिलाफ मामला दर्ज हुआ तो वह फरार हो गई. 

कॉलेज में प्रिंसिपल थी दीप्ति

जानकारी के मुताबिक दीप्ति शादी से पहले बागपत में बड़ौत कॉलेज ऑफ एजुकेशन में प्रिंसिपल थी. पहली बार वर्ष 2020 में ईडब्लूओ ने दीप्ति के पकड़े जाने पर 50 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी लेकिन अब यह 5 लाख तक पहुंच चुका है. मार्च 2021 में जांच एजेंसियों ने लोनी में उसके आवास को कुर्क कर दिया. फिलहाल दीप्ति और मामले के एक अन्य आरोपी भूदेव सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की कार्रवाई चल रही है. अधिकारियों ने बताया है कि दीप्ति का नाम ग्रेटर नोएडा में दर्ज सभी 118 मामलों और देश भर में दायर 150 से अधिक अन्य मामलों में है. 

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ज्यादातर केसों में दीप्ति का नाम

दीप्ति का नाम मनी लॉन्ड्रिंग के लिए इस्तेमाल किए गए 31 लोगों और 13 कंपनियों को चार्जशीट में नामजद किया गया है. अब तक पुलिस ने गर्वित इनोवेटर्स के नाम पर पंजीकृत वाहनों, एक रेंज रोवर और एक फॉर्च्यूनर को जब्त कर लिया है. 216 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति भी जब्त की गई है. 

निवेशकों ने दर्ज कराई थी शिकायत

सीबीआई के पास दर्ज एक प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि निवेशकों से पैसा निकालने के लिए कंपनी ने 'बाइक बॉट - जीआईपीएल द्वारा संचालित बाइक टैक्सी' जैसे विज्ञापन जारी किए. निवेशकों को योजना का लाभ उठाने के लिए इसमें जल्द से जल्द पैसा जमा करने को कहा गया. इस तरह के विज्ञापनों को देखकर करीब 2 लाख निवेशकों ने पैसा लगाया. यह योजना अगस्त 2017 में शुरू की गई थी और यह 2019 तक चली थी. 

केस के मुताबिक नवंबर 2018 में कंपनी ने ई-बाइक के लिए एक और योजना शुरू की. ई-बाइक के लिए सदस्यता राशि नियमित पेट्रोल बाइक के लिए निवेश राशि से लगभग दोगुनी थी. वहीं वर्ष 2019 में योजना में भाग लेने वाले लगभग दो लाख निवेशकों ने पुलिस से संपर्क किया था संजय भाटी और उनकी फर्म के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. निवेशकों द्वारा कहा गया है कि उन्हें जो वादा किया गया, उस लिहाज से रिटर्न नहीं मिला. 

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इस पूरे केस में दीप्ति अभी तक फरार है और पुलिस ने उस पर करीब 5 लाख का इनाम घोषित कर रखा है. आर्थिक अपराध को अंजाम देने वाली दीप्ति यूपी पुलिस से लेकर सीबीआई और ईडी की रडार पर भी है और उसे पिछले चार सालों से ढूंढा जा रहा है. 

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