Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Power Cut: गर्मी में बिजली कटौती का बड़ा खतरा, रिकॉर्ड खपत के चलते आपूर्ति में हो सकती हैं मुश्किलें

गर्मी भारत में अभी अपने चरम तक नहीं पहुंची है लेकिन देश में बिजली की खपत रिकॉर्ड स्तर के करीब हैं जो कि एक चिंता का सबब हो सकता है.

Power Cut: गर्मी में बिजली कटौती का बड़ा खतरा, रिकॉर्ड खपत के चलते आपूर्ति में हो सकती हैं मुश्किलें
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: उत्तर भारत समेत लगभग पूरे देश में गर्मी (Summers in North India) के चढ़ते पारे के साथ एसी की बिक्री और बिजली की खपत (Power Consumption) में भी जबरदस्‍त इजाफा हुआ है. इसके साथ ही बिजली संकट भी गहराता जा रहा और आने वाले महीनों में कटौती का जोखिम भी बढ़ रहा है. इसकी वजह यह है कि खपत बढ़ने के चलते बिजली विभागों को बिजली आपूर्ति करने  में परेशानी आ सकती है और यह गर्मी में लोगों के लिए गर्मियों को और मुश्किल भरा बना सकती है. 

एसी की रिकॉर्ड बिक्री

दरअसल, गर्मी की दस्तर के साथ ही देश में एसी और कूलर की बिक्री में भारी बढ़ोतरी होती है. इस बार मार्च में ही देशभर में करीब 15 लाख एसी की बिक्री हुई है. शहरों के अलावा ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में भी एसी का इस्‍तेमाल बढ़ रहा है. बाजार का अनुमान है कि इस बार करीब 95 लाख एसी की बिक्री होगी, जिससे बिजली की खपत में भी बेतहाशा वृद्धि होने का अनुमान है. कोरोनाकाल में बंद पड़े उद्योग-धंधे भी अब दोबारा पटरी पर आ रहे, जिसमें बिजली की खपत और बढ़ेगी.

रिकॉर्ड के करीब बिजली की खपत

वहीं इलेक्ट्रिक सामानों का अधाधुंध इस्तेमाल बिजली की खपत को भी कई गुना बढ़ाने वाला है. ऐसे में नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर ऑफ द पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन (POSOCO) के आंकड़ों को देखें तो अभी तक देश में एक दिन में सबसे ज्‍यादा बिजली खपत 7 जुलाई, 2021 को हुई है. तब पावर ग्रिड पर 2,00,570 मेगावाट (MW) बिजली का लोड रिकॉर्ड किया गया था. इसके मुकाबले देखा जाए तो इस साल मार्च के दूसरे हफ्ते से ही लगातार 1.95 लाख मेगावाट बिजली खपत का लोड बना हुआ है.

मैच्योरिटी से पहले PPF खाते से निकालना है पैसा तो पहले जान लीजिए ये जरूरी नियम

पावर ग्रिड पर बढ़ने वाला है लोड

वहीं बीते 8 अप्रैल को तो यह 1,99,584 मेगावाट पहुंच गया, जो रिकॉर्ड से महज 986 मेगावाट (0.8 फीसदी) कम है. ऐसे में स्पष्ट है कि देश में इस बार गर्मी के कारण बिजली की खपत बढ़ सकती है जिसके चलते बिजली कटौती की संभावनाएं बढ़ रही हैं.  गौरतलब है कि इस साल पावर ग्रिड गर्मी की शुरुआत में ही जबरदस्‍त मांग से जूझना शुरू हो गए हैं. अभी भीषण गर्मी वाले मौसम मई, जून, जुलाई आने बाकी है, जहां बिजली की खपत एतिहासिक स्‍तर पर जाने का अनुमान है. परेशानी वाली बात ये है कि अभी से कई इलाकों में बिजली कटौती और कम पावर सप्‍लाई जैसी समस्‍याएं आना शुरू हो गई हैं. ऐसे में ये आगे और बढ़ सकती है. 

बम की तरह फट सकता है Smartphone, ये हैं फोन में आग लगने के मुख्य कारण

कोयला ही है मुख्य स्रोत 

खास बात यह है कि देश में अब भी बिजली उत्‍पादन का मुख्‍य स्रोत कोयला ही है और कई प्‍लांट्स के पास कोयले का भंडार महज 9 दिन के खपत जितना ही बचा है. अगर पिछले आंकड़ों को देखें तो अप्रैल 2021 में पावर प्‍लांट्स के पास 12 दिन का कोयला था जबकि अप्रैल 2019 में 18 दिन का कोयला बचा था. पिछले साल सितंबर में तो कोयला संकट इतना गहरा गया था कि पावर प्‍लांट्स के पास महज चार दिन का कोयला बचा था हालांकि उस दौरान स्थिति को कंट्रोल कर लिया गया था लेकिन इस बार भी गर्मी के मौसम में बिजली की आपूर्ति करना लोगों के लिए एक चुनौती माना जा रहा है. 

Air India के बाद अब बिकने वाली है यह सरकरी कंपनी, अडानी ग्रुप ने भी लगाई बोली

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

Advertisement

Live tv

Advertisement
Advertisement