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स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक शादी रजिस्टर्ड कराने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्या कपल की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दर्ज कराई जा सकती है.

स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत समलैंगिक शादी रजिस्टर्ड कराने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट

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डीएनए हिंदी: स्पेशल मैरिज एक्ट (Special Marriage Act) के तहत समलैंगिक लोगों की शादी की मान्यता देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई करेगा. याचिका में दिल्ली के एक कपल ने मांग की है कि उसकी शादी को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड करने की अनुमति दी जाए. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और अटार्नी जनरल नोटिस भेजकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है. 

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने केंद्र सरकार और अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्या कपल की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत दर्ज कराई जा सकती है. बेंच ने साथ ही यह भी कहा कि समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दी जाए या नहीं, इसका फैसला अब न्यायालय करेगी. क्योंकि ऐसी ही एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है. 

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याचिका में मौलिक अधिकारों का हवाला
याचिकाकर्ता सुप्रियो चक्रवर्ती और अभय डांग करीब 10 साल से एक-दूसरे के साथ रह रहे हैं. उनके इस रिश्ते को उनके माता-पिता, रिश्तेदार और दोस्तों ने भी समर्थन दिया है. उन्होंने भारत के संविधान अनु्च्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है.  सुप्रियो ने कहा कि जब अपने पंसद के शख्स से शादी करने का अधिकार भारत के संविधान में मिला है तो इसे  स्पेशल मैरिज एक्ट में शामिल किया जाना चाहिए.

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