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Azam Khan: 27 महीने बाद जेल से रिहा होंगे सपा नेता, पहले भी काट चुके हैं 19 माह की जेल

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रामपुर के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी है.

Azam Khan: 27 महीने बाद जेल से रिहा होंगे सपा नेता, पहले भी काट चुके हैं 19 माह की जेल

आजम खान  

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डीएनए हिंदी: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से विधायक आजम खान (Azam Khan) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी है. सपा नेता के खिलाफ दर्ज कुल 89 केसों में से 88 मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है.अब इस आखिरी मामले में आज सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) से राहत मिलने से 27 महीने बाद उनका जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.

गौरतलब है कि सपा नेता आजम खान (Azam Khan) 27 फरवरी 2020 से यूपी की सीतापुर जेल में बंद हैं. उन्हें रामपुर के कोतवाली थाने से जुड़े एक मामले में यह राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले ही सुनवाई कर चुका है. जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस बीआर गवई औऱ जस्टिस एस गोपन्ना की बेंच ने आजम खान को अंतरिम जमानत दी है. 

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आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में बिताए
आपको बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब आजम खान जेल इतने महीने बिताकर आ रहे हैं. इससे पहले आपातकाल के दौरान भी वो कई महीनों की जेल की सजा काट चुके हैं. इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी का विरोध करने को लेकर भी आजम खान को जेल जाना पड़ा था. तब आजम ने 19 महीने जेल में बिताए थे.

पहले भी सुप्रीम कोर्ट से मिली थी राहत
इससे पहले आजम खान को रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के जमीन अधिग्रहण मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली थी. सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court) के उस फैसले को स्टे कर दिया था, जिसमें जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन के टेकओवर की सरकार को हरी झंडी दे दी गई थी. 

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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार (UP Government) को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था. इस मामले की अगली सुनवाई अगस्त में होगी. लेकिन तब तक के लिए आजम खान को जमीन के टेकओवर में राहत मिल गई. सपा विधायक (SP MLA) आजम खान और उनके परिवार के सदस्य इस यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी हैं. वहीं दूसरी ओर उन पर भ्रष्टाचार के कुछ गंभीर आरोप हैं जिसके चलते इस यूनिवर्सिटी को भी अवैध करार दिया गया था. 

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