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Recyclable Waste: सिर्फ़ कचरे से हर साल हो सकती है 30 हज़ार करोड़ की कमाई, लाखों को मिलेगा रोजगार

Waste Management in India: भारत में हर दिन पैदा होने वाले कचरे को रीसाइकल करके साल भर में करोड़ों रुपयों की कमाई की जा सकती है.

Recyclable Waste: सिर्फ़ कचरे से हर साल हो सकती है 30 हज़ार करोड़ की कमाई, लाखों को मिलेगा रोजगार

कचरे का प्रबंधन करके कमाए जा सकते हैं पैसे

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डीएनए हिंदी: कूड़े और कचरे को आमदनी का साधन बनाया जा सकता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कचरे का प्रबंधन (Waste Management) ठीक तरीके से किया जाए तो सरकार हर साल 30 हजार करोड़ रुपये कमा सकती है. कचरे के प्रबंधन और दूसरे कामों में करोड़ों लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया जा सकता है. इसका असर न सिर्फ़ लोगों की जेब पर पड़ेगा, बल्कि पर्यावरण को भी इससे अच्छा-खासा लाभ होगा.

'सर्कुलर इकॉनमी इन म्युनिसिपल सॉलिड ऐंड लिक्विड वेस्ट' नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि रीसाइकल किए जा सकने वाले कचरे को लैंडफिल साइट पर डंप कर दिए जाने से कीमती संसाधनों का नुकसान तो हो ही रही है, इससे पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा पैदा हो रहा है. इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार को उन उत्पादों पर जीएसटी घटाकर 5 पर्सेंट कर देना चाहिए, जो रीसाइकल किए गए कचरे से बनाए गए हों.

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Waste Recycling है सबसे सटीक उपाय
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर दिन लगभग 1.45 लाख कचरा पैदा होता है. इसका 35 पर्सेंट हिस्सा सूखा कचरा होता है. कचरे में सबसे ज्यादा हिस्सा प्लास्टिक का होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, हर दिन लगभग 26 हजार टन प्लास्टिक का कचरा पैदा होता है. इसमें से सिर्फ़ 15,600 टन ही रीसाइकल किया जा सकता है. इसमें से 9400 टन कचरे का ट्रीटमेंट नहीं हो पाता है और वह सीधे लैंडफिल साइट, गड्ढों या अन्य जगहों पर फेक दिया जाता है.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सूखे कचरे की रीसाइकलिंग करके हर साल 17,023 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं. इससे निर्माण कार्यों के लिए साल भर में 40 लाख दिनों का रोजगार दिया जा सकता है. साथ ही, रीसाइकलिंग का काम करने और उससे जुड़े संसाधनों की मरम्मत और दूसरे कामों के लिए साल भर में 80 लाख दिनों का रोजगार दिया जा सकता है. 

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लाखों लोगों को मिल सकता है रोजगार
गीले कचरे के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि हर दिन 75 हजार टन गीला कचरा पैदा है जिसमें से 32 पर्सेंट कचरे का निस्तारण नहीं हो पाता है. अनुमान के मुताबिक, अगर इस कचरे का निस्तारण और रीसाइकलिंग कर ली जाती है तो इससे 2460 करोड़ रुपये हर साल कमाए जा सकते हैं. इससे, 60 लाख दिनों का रोजगार भी पैदा किया जा सकता है.

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गीले और सूखे कचरे के अलावा निर्माण क्षेत्र से आने वाले महबे और कचरे की मात्रा हर साल लगभग 120 लाख टन होती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कचरे के 95 प्रतिशत हिस्सा का फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए ज़रूरी है कि हर पांच वर्गकिलोमीटर में एक कलेक्शन सेंटर हो. साथ ही, इस तरह के कचरे से बनने वाले उत्पादों पर जीएसटी की दर को 18 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट किया जाए.

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