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MP Election: सिंधिया के करीबी ने उनका साथ छोड़ थामा कांग्रेस का हाथ, मध्यप्रदेश में बीजेपी की बढ़ी टेंशन

Who is Samandar Patel: समंदर पटेल को मध्य प्रदेश के नीमच इलाके का मजबूत नेता माना जाता है, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे.

MP Election: सिंधिया के करीबी ने उनका साथ छोड़ थामा कांग्रेस का हाथ, मध्यप्रदेश में बीजेपी की बढ़ी टेंशन

Jyotiraditya Scindia के समर्थक Samandar Patel ने कांग्रेस जॉइन कर ली है.

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डीएनए हिंदी: Madhya Pradesh Elections 2023- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के वफादार कहे जाने वाले भाजपा नेता समंदर पटेल ने एक बार फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. पटेल नीमच जिले में अपने होमटाउन जावद से भोपाल में कांग्रेस पार्टी दफ्तर तक करीब 800 वाहनों का काफिला निकालते हुए पहुंचे और फिर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. पटेल ने ज्योतिरादित्य के साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी, लेकिन वे पार्टी में अपनी स्थिति को लेकर संतुष्ट नहीं थे. पटेल की कांग्रेस में वापसी के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamal Nath) की अहम भूमिका बताई जा रही है, जो पटेल के कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते समय भोपाल में पार्टी ऑफिस पर मौजूद दिखाई दिए हैं. पटेल के दलबदल से भाजपा को मामला-निमाड़ इलाके में करारा झटका लगने की संभावना है.

कौन हैं समंदर पटेल

इंदौर के रहने वाले समंदर पटेल ज्योतिरादित्य के सबसे करीबी लोगों में से एक गिने जाते हैं. लिम्बोदी ग्राम पंचायत के चार बार सरपंच रह चुके पटेल जावद विधानसभा सीट से भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. इसके चलते वे बेहद नाराज थे. समंदर पटेल ने टिकट नहीं मिलने के कारण ही साल 2018 में कांग्रेस का भी साथ छोड़ा था. तब उन्होंने जावद विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसका नुकसान कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार अहीर को हुआ था. अहीर को भाजपा के दिग्गज नेता ओमप्रकाश सकलेचा से हार मिली थी. सकलेचा के कारण ही भाजपा ने भी समंदर पटेल का जावद विधानसभा सीट का दावा ठुकरा दिया. इसी कारण वे दोबारा कांग्रेस में लौटे हैं.

ज्योतिरादित्य के वफादारों में से गिरने वाला तीसरा 'विकेट'

क्रिकेट के शौकीन ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादारों में से किसी के दोबारा कांग्रेस पार्टी जॉइन करने का दो महीने में यह तीसरा मौका है. इससे पहले शिवपुरी के पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव का विकेट भी गिर चुका है, जिन्होंने हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन की थी. बैजनाथ सिंह यादव को भी सिंधिया के बेहद करीबियों में से एक गिना जाता था और दोनों ने शिवपुरी जिले के कोलारस एरिया में एकसाथ बहुत काम किया था. बैजनाथ के अलावा सिंधिया के एक और करीबी राकेश गुप्ता भी भाजपा छोड़कर अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. गुप्ता को मजदूर वर्ग का बड़ा नेता माना जाता है. 

भाजपा की टिकट सूची में नहीं चली है सिंधिया की

भाजपा की 39 उम्मीदवारों की पहली टिकट सूची में सिंधिया की नहीं मानी गई है. इस लिस्ट में सिंधिया समर्थक रणवीर सिंह जाटव को गोहद सीट से टिकट नहीं मिला है. इसके अलावा भी कई सिंधिया समर्थकों के दावे नकार दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि इससे केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अंदरखाने बेहद नाराज हैं. हालांकि उन्हें अगली सूची में उनके समर्थकों को टिकट देने की बात कहकर शांत किया गया है.

समंदर पटेल की वापसी पर यह बोले कमल नाथ

कमल नाथ ने समंदर पटेल की कांग्रेस में वापसी पर उनकी प्रशंसा की है. उन्होंने कहा, पटेल ने बिना किसी शर्त के पार्टी की विचारधारा, मूल्यों और वफादारी पर यकीन करते हुए वापसी की है. उनकी सच्चाई उन्हें यहां लाई है और मुझे पूरा यकीन है कि वह अपने इलाके के लोगों को यह सच बताएंगे. कमल नाथ ने कहा, 2018 में कांग्रेस ने जनता के समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हॉर्स ट्रे़डिंग के जरिये मनी पॉवर से बनाई गई है. भाजपा की सरकार 18 साल से है, लेकिन राज्य की तस्वीर सभी के सामने है.

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