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Bihar Political Crisis: क्या नीतीश के नेतृत्व में 2024 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करेंगे विपक्षी दल?

Bihar Political Crisis: देश की राजनीति में धीरे-धीरे लगातार ताकत बढ़ा रही बीजेपी को बिहार में नीतीश कुमार ने बड़ा झटका दिया है. इस झटके का लंबा असर पड़ने वाला है. बताया जा रहा है कि इस नए समीकरण का 2024 के लोकसभा चुनावों में भी असर पड़ सकता है...

Bihar Political Crisis: क्या नीतीश के नेतृत्व में 2024 में बीजेपी को सत्ता से बाहर करेंगे विपक्षी दल?

नरेंद्र मोदी बनाम नीतीश कुमार

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डीएनए हिन्दी: लगातार जीत का स्वाद 'चख' रही बीजेपी (BJP) को बिहार (Bihar) ने बड़ा झटका दिया है. बिहार में नया गठबंधन आकार ले चुका है. इसमें कांग्रेस और वामदलों के साथ-साथ छोटे-छोटे दल भी हैं. बिहार का यह समीकरण देश भर में क्षेत्रीय दलों को एक करने के मुहिम को बल प्रदान करेगा. लंबे समय से विपक्षी दल इस एकता की कोशिश कर रहे थे, ऐसे में बिहार का सफल प्रयोग उनकी उम्मीदों को पंख लगा सकता है.

सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण 2024 का लोकसभा चुनाव है. विपक्षी दलों के बिखराव को देखते हुए ज्यादातर सियासी पंडित यह मान रहे थे कि 2024 में बीजेपी को चुनौती देना विपक्ष के बस का नहीं है. लेकिन, बिहार का यह समीकरण इस सोच को बदल सकता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने का एक नया रास्ता प्रशस्त हो सकता है. हो सकता है क नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 2024 में विपक्ष के पीएम पद का चेहरा भी हो जाएं. यह तय है कि नीतीश को पीएम बनाने में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की अहम भूमिका होगी.

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ध्यान रहे कि 2020 के चुनाव के बाद से ही तेजस्वी बिहार में समाजवादी विचारधारा के नेताओं से संपर्क साध रहे हैं. नीतीश कुमार के साथ आने के बाद वह इस मुहिम को और तेजी से आगे बढ़ाएंगे. 

ध्यान रहे कि 2019 में लोकसभा चुनावों में बिहार में बीजेपी को 17 सीटें मिली थीं, नीतीश को 16 और एलजेपी को 6 सीटें. लेकिन, हम अगर 2015 के विधानसभा चुनावों को आधार मानकर आंकड़ों को देखें तो एनडीए के सांसदों की संख्या 8 से 10 तक सिमट सकती है. ध्यान रहे कि 2015 में बिहार में नीतीश कुमार और आरजेडी मिलकर चुनाव लड़े थे और उन्हें बड़ी जीत मिली थी.

गौरतलब है कि 2019 में बीजेपी के नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के सामने हिन्दी पट्टी में कोई बड़ा चेहरा नहीं था, जो विपक्ष को नेतृत्व दे सके. उस दौरान नीतीश कुमार बीजेपी के ही साथ थे. अब नीतीश कुमार विपक्ष के खेमे में हैं. ऐसे में विपक्षी दलों को उम्मीद है कि नीतीश कुमार उन्हें 2024 में नेतृत्व दे सकते हैं.

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बिहार के नए गठबंधन में 7 पार्टियां शामिल हैं. इन पार्टियों ने बीजेपी नेशनल प्रेजिडेंट जेपी नड्डा के उस बयान को मुद्दा बनाया है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की सभी क्षेत्रीय पार्टियां समय के साथ समाप्त हो जाएंगी. अब यह देखना है कि 2024 में ये क्षेत्रीय दल बीजेपी को सत्ता से बाहर करने में सफल होते हैं या नहीं.

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