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Karnataka Temple News: पुजारियों ने बनाई फर्जी वेबसाइट, दान के नाम पर जमा कर लिए 20 करोड़ रुपये

Karnataka Temple Scam: कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के देवलनगापुर मंदिर (Devlagnapur Temple) के कुछ पुजारियों ने फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों से फर्जी दान ले लिए और चार साल में लगभग 20 करोड़ रुपये जमा कर लिए.

Karnataka Temple News: पुजारियों ने बनाई फर्जी वेबसाइट, दान के नाम पर जमा कर लिए 20 करोड़ रुपये

सांकेतिक तस्वीर

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डीएनए हिंदी: कर्नाटक के एक मंदिर के पुजारियों ने ही करोड़ों का घोटाला कर डाला. कलबुर्गी जिले में स्थित देवलगनापुर मंदिर (Devlagnapur Temple) के पुजारियों ने ठगी करने के मकसद से आठ फर्जी वेबसाइट (Fake Websites) बनाईं और भक्तों से करोड़ों का दान ले लिया. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का दान इन वेबसाइटों के जरिए इकट्ठा किया जा चुका है. इतना ही नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि ये पुजारी मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों का फोकस बदल देते थे और दान-पात्र से भी पैसे चुरा लेते थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, इन आठ फर्जी वेबसाइटों के ज़रिए अलग-अलग पूजाओं और अनुष्ठानों के नाम पर 10 हजार से लेकर 50 हजार तक का दान लिया जाता था. बाद में ये पैसे पुजारियों के खाते में ट्रांसफर कर लिए जाते थे. पुलिस ने इस खेल में शामिल सभी लोगों की तलाश शुरू कर दी है.

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चार सालों में जुटा लिए 20 करोड़ रुपये
बताया गया कि इन पुजारियों ने दत्तात्रेय देवालय, गंगापुर दत्तात्रेय मंदिर, श्रीक्षेत्र दत्तात्रेय मंदिर जैसे नामों से आठ अलग-अलग वेबसाइट बनाई. फर्जीवाड़े का यह खेल पिछले चार सालों से चल रहा है और अभी तक लगभग 20 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं. ये पैसे मंदिर के खाते के बजाय पुजारियों के खाते में भेजे जाते थे.

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यह मंदिर कर्नाटक के मुजुरई विभाग के अंतर्गत आता है. कलबुर्गी के पुलिस उपायुक्त इस मंदिर की विकास समिति के अध्यक्ष हैं. एक ऑडिट मीटिंग में जब इस तरह की धोखाधड़ी की बात सामने आई तो मामला दर्ज कराया गया. मामला दर्ज होने तक ये पुजारी कस्बे में ही थे लेकिन बाद में वे फरार हो गए. बताया गया है कि इन फर्जी वेबसाइटों के जरिए लगभग 2,000 लोग दान दे चुके हैं.

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पुलिस को शक है कि वेबसाइट के जरिए पैसों की चोरी करने वाले ये पुजारी मंदिर की दान पेटियों भी चोरी करते थे. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिसकर्मियों का कहना है कि जिस दिन दानपेटियों के पैसे गिने जाने होते थे उस दिन सीसीटीवी कैमरों को या तो घुमा दिया गया या फिर उन्हें किसी चीज से ढक दिया गया था.

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