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Heat Wave in India: हीट स्ट्रोक के इस 11 संकेतों को जान लें, 1 भी लक्षण आए तो तुरंत करें ये काम

हीट वेव्स के चलते ही हीट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है और जरा सी लापरवही जान ले लेती है. 11 संकेत हीट स्ट्रोक के जानना जरूरी है ताकि समय रहते जान बचाई जा सके.

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Heat Wave in India: हीट स्ट्रोक के इस 11 संकेतों को जान लें, 1 भी लक्षण आए तो तुरंत करें ये काम
हीट स्ट्रोक के 11 चिंताजनक संकेत और लक्षण
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डीएनए हिंदीः अगर तत्काल इलाज नहीं किया गया तो हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है. शरीर के तापमान में अत्यधिक वृद्धि, दिल की धड़कन तेज होना और कोमा इसके कुछ गंभीर लक्षण तब नजर आते हैं जब हीट स्ट्रोक की स्थिति गंभीर होती है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते हीट स्ट्रोक के संकेतों को पहचान का उसका इलाज शुरू करा दिया जाए. 

उत्तर भारत के बड़े हिस्से में गर्मी का कहर शुरू हो चुका है और हीट वेव भी चलने लगी है.  इस बार अप्रैल में रिकॉर्ड स्तर तक गर्मी बढ़ चुकी है. अत्यधिक गर्मी गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है क्योंकि यह तापमान को नियंत्रित करने के लिए शरीर के प्राकृतिक तंत्र को बदल देती है. हीट स्ट्रोक से कई गंभीर स्थितियां पैदा होने लगती हैं. इसमें डिहाइड्रेशन, थकान, दस्त, भ्रम, और शरीर में ऐंठन  होना आम बात है लेकिन हीट स्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सा आपात स्थिति है, जिसका तुरंत इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है.

और तब होता है जब आपके शरीर का तापमान 104 F (40 C) या इससे अधिक हो जाता है. यह आपके मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को स्थायी नुकसान पहुंचाने लगता है जिससे जान चली जाती है. तो चलिए जानें कि हीट स्ट्रोक या हीट एग्जॉशन के 11 गंभीर संकेत क्या हैं.

1. उच्च शरीर का तापमान: 104 डिग्री फारेनहाइट (40 डिग्री सेल्सियस) या उससे अधिक शरीर का तापमान हीट स्ट्रोक का एक सामान्य संकेत है और ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

2. तेज़ दिल की धड़कन: शरीर के उच्च तापमान की प्रतिक्रिया में दिल तेजी से धड़क सकता है.

3. तेजी से सांस लेना: शरीर ज्यादा तेजी से सांस लेकर खुद को ठंडा करने की कोशिश कर सकता है. जैसे-जैसे आप ज़्यादा गरम होते हैं, आपका दिल ज़बरदस्त तनाव में आ जाता है. क्योंकि शरीर की प्राकृतिक शीतलन प्रक्रिया आपके तापमान को विनियमित बनाए रखने में जुट जाती है, इससे हार्ट को तेज पंप करना पड़ता है. इससे सांस लेने में कठिनाई या हाइपरवेंटिलेशन हो सकता है.

4. भ्रम या भटकाव: हीट स्ट्रोक मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे भ्रम, भटकाव और दौरे भी पड़ सकते हैं. एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को बाधित करता है, इसलिए समन्वय की कमी, भटकाव, क्रोध या चलने में असमर्थता प्रमुख चेतावनी संकेत हैं.

5. सिरदर्द: तेज सिरदर्द साथ अक्सर चक्कर आना हीट स्ट्रोक का लक्षण हो सकता है. यह लक्षण आमतौर पर डीहाइड्रेशन या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर हीट स्ट्रोक के प्रभाव के कारण होता है.

6. मतली और उल्टी: शरीर के उच्च तापमान के लिए शरीर की प्राकृतिक प्रतिक्रिया में मतली और उल्टी शामिल हो सकती है.

7. सूखी, गर्म त्वचा: शरीर के उच्च तापमान के बावजूद त्वचा सूखी, गर्म और दमकती हुई महसूस हो सकती है और पसीना आना रूक जाता है. ये बेहद ही गंभीर स्थिति होती है.

8. मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी: हीट स्ट्रोक से मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी या बेहोशी भी हो सकती है. यह व्यायाम के बाद गर्मी से संबंधित बीमारी के पहले संकेतों में से एक है और इसे हीट क्रैम्प्स के रूप में भी जाना जाता है. जब आप अत्यधिक गर्मी में पसीना बहाते हैं, तो आपको विशेष रूप से आपके पैरों, बाहों या पेट में गंभीर ऐंठन हो सकती है.

9. पसीने की कमी या इसकी अधिकता: जब आप लंबे समय तक तीव्र गर्मी के संपर्क में रहते हैं, तो आपका शरीर अपने आंतरिक तापमान को बनाए रखने का प्रयास करना बंद कर देता है. इसलिए हीट स्ट्रोक में पसीना आना बंद हो जाता है. यदि आपको अत्यधिक गर्मी का दौरा पड़ा है, तो आपको शायद अत्यधिक पसीना आने लगेगा.

10. मुंह सूखना-चक्कर आना: आपका शरीर निर्जलित होने से आपका मुंह सूखता जाएगा हौ चक्कर आने लगेंगे. बेहोशी, मतली या उल्टी भी हो सकती है.

11. त्वचा पर चकत्ते: हीट स्ट्रोक में शरीर खुद को ठंडा करने के लिए रक्त प्रवाह को त्वचा की ओर भेजता है, जिससे त्वचा लाल दिखाई देती है. आपके पास हीट स्ट्रोक के प्रकार के आधार पर आपकी त्वचा अत्यधिक चिपचिपी या अत्यधिक शुष्क भी महसूस हो सकती है.

हीट स्ट्रोक आने पर क्या करें?

  1. मरीज को ठंडे और धूप से दूर जगह पर ले जाएं.
  2. संभव हो तो बर्फ के पानी मरीज का शरीर पोछते रहें.
  3. मरीज को हवादार कमरे में रखें
  4. नींबू-नमक-चीनी का घोल दे या ओआरएस पीलाएं.
  5. मरीज को रुक-रुक कर पानी देते रहें
  6. सिर, पैर के तलवे, गर्दन, बगल और जांघ पर गीला कपड़ा रखें.

बिना देरी डॉक्टर से संपर्क करें क्याेंकि हीट स्ट्रोक में पल भर में स्थितियां गंभीर हो जाती हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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