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Weight Loss Side Effects: मसल्स और सिर में दर्द कहीं वेट लॉस का साइड इफेक्ट तो नहीं? जान लें लो कार्ब्स के ये 5 नुकसान 

वेट लॉस के लिए अगर आप लो कार्ब डाइट ले रहे हैं तो इसके नुकसान भी आपको हो सकते हैं. ये संकेत मिलते ही छोड़ दें डाइटिंग.

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Weight Loss Side Effects: मसल्स और सिर में दर्द कहीं वेट लॉस का साइड इफेक्ट तो नहीं? जान लें लो कार्ब्स के ये 5 नुकसान 

Low carbs diet side effects

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डीएनए हिंदीः अगर आप लो-कार्ब डाइट प्रोग्राम वेट कम करने के लिए लेने जा रहे हैं तो पहले दो बार सोच लें. क्योंकि कई बार लो कार्ब्स कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन जाता है. बता दें की शरीर को तरह से काम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होती है. ये बात सच है कि लो कार्ब से वेट कम करना आसान हो जाता है लेकिन अगर आप कार्ब्स लेना बिलकुल बंद कर देंगें तो शरीर को कई परेशानियां भी हो सकती हैं. 

एक सामान्य कम कार्ब आहार दैनिक कार्बोहाइड्रेट सेवन को 60 से 130 ग्राम के बीच होना चाहिए.  एक केटोजेनिक आहार 30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट से नीचे रहता है. इसमें कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना या बहुत कम मात्रा में उनका सेवन करना होता है. इनमें ज्यादातर अनाज, फलियां, फल, ब्रेड, मिठाई, पास्ता और स्टार्च वाली सब्जियां शामिल हैं. इन्हें मांस, मुर्गी पालन, मछली, अंडे, गैर-स्टार्च वाली सब्जियों और नट्स- बीज से बदल दिया जाता है.ऐसे में लो कार्ब डाइट पर स्विच करने के कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं. चलिए जानें.

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घबराहट और सिरदर्द

कम कार्ब आहार के शुरुआती दुष्प्रभावों में से एक सिरदर्द है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मस्तिष्क ग्लूकोज पर चलना पसंद करता है और ऊर्जा के लिए कीटोन्स पर जाने से पहले ग्लूकोज के अंतिम भंडार को जला देता है. चूंकि मस्तिष्क लगातार ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, कम कार्ब आहार वाले लोग चिंतित महसूस कर सकते हैं और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है.
चूँकि कार्ब्स सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे अच्छे रसायनों का उत्पादन करते हैं, इसलिए कम कार्ब वाले आहार भी अवसादग्रस्तता के मूड को जन्म दे सकते हैं और आपकी प्रेरणा के स्तर को कम कर सकते हैं.

कमजोरी और थकान
कार्ब्स की कमी से ऊर्जा की कमी, कमजोरी और थकान का अनुभव तय है. शरीर को नए आहार के अनुकूल होने में कुछ समय लगता है. दि आपको शुरुआती कुछ दिनों के बाद भी थकान महसूस होती है, तो आपको अपने पिछले आहार पर वापस जाने पर विचार करना चाहिए.क्योंकि लंबे समय तक कार्ब्स न लेने से आपको बेहोशी तक आ सकती है.

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कब्ज
कार्बोहाइड्रेट की कमी से कब्ज होना भी संभव है.आप अनाज और बीन्स जैसे उच्च कार्ब और उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का पर्याप्त सेवन नहीं कर रहे हैं, फाइबर की कमी आंतों की सफाई नहीं हो पाती और हाई प्रोटीन डाइट से कब्ज बनने लगात है.

मांसपेशियों में ऐंठन

हाई-कार्ब साबुत अनाज भी पोटेशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे पोषक तत्वों और खनिजों के महत्वपूर्ण स्रोत हैं. ये मांसपेशियों के समुचित कार्य के लिए आवश्यक हैं. ये मांसपेशियों की मरम्मत के लिए भी जरूरी है और लंबे समय तक कार्ब्स से दूर रहने से  मांसपेशियों में ऐंठन और दिल की धड़कन बढ़  सकती है.
 
सांसों की दुर्गंध 

सांसों की दुर्गंध भी कम कार्बोहाइड्रेट वाले आहार पर चलने के दुष्प्रभाव हो सकते हैं. कम कार्बोहाइड्रेट आहार खाने पर आपका शरीर ईंधन के लिए पसंदीदा ग्लाइकोजन प्राप्त करने में असमर्थ होता है और केटोन्स पर स्विच करता है. ये कीटोन पेशाब और सांस के जरिए शरीर से बाहर निकल जाते हैं. इन कीटोन्स का सांस में दुर्गंध आने लगती है.

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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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