trendingNowhindi4022946

Chanakya Niti: इन कार्यों को करने में न दिखाएं शर्म, जीवन में मिलेगी सफलता

Chanakya Niti में आचार्य चाणक्य ने उन लोगों को अपनी आदतें बदलने की सलाह दी है जो इन चीजों को करने में शर्म करते हैं.

Chanakya Niti: इन कार्यों को करने में न दिखाएं शर्म, जीवन में मिलेगी सफलता
चाणक्य नीति

डीएनए हिंदी: आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति ( Chanakya Niti ) जीवन के कई अनसुलझे प्रश्नों को सुलझाने में मददगार है. चाणक्य नीति में कई तरह के कठिन सिद्धतों को आसान भाषा में समझाया है. आचार्य चाणक्य ने न केवल सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का मार्गदर्शन किया बल्कि चाणक्य नीति के द्वारा वर्तमान काल में भी भटके हुए लोग सुमार्ग पर आ रहे हैं.

चाणक्य नीति में जीवन में क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए इन सभी विषयों के बारे में बताया गया है. चाणक्य नीति के इस भाग में आज जानेंगे कि किन कार्यों को करने में हमें शर्म नहीं दिखाना चाहिए. 

Chanakya Niti: गुरु जब ज्ञान दें तो पीछे न हटें

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो विद्यार्थी बिना किसी भय के या शर्म किए अपने गुरु द्वारा बताए ज्ञान को ग्रहण करता है वही श्रेष्ठ विद्यार्थी होता है. जो विद्यार्थी भय और शर्म के कारण गुरु से प्रश्न नहीं पूछता है, वह भविष्य में परेशानी का सामना कर सकते हैं. इसलिए विद्यार्थी को अपने गुरु से बिना शर्म किए सभी प्रश्न पूछ लेने चाहिए.

पैसों से जुड़े मामले में शर्म करना व्यर्थ है: Chanakya Niti

चाणक्य नीति में यह बताया गया है कि जो व्यक्ति पैसों से जुड़े कार्यों में शर्म का भाव रखता है, वह नुकसान के सिवा कोई फल नहीं प्राप्त कर सकता है. ऐसे लोगों का फायदा धूर्त लोग उठा कर अपनी जेब भर लेते हैं. शर्म की वजह से यह व्यक्ति उन लोगों से भी पैसे वापस नहीं मांग पाते हैं जिनकी कभी इन्होंने मदद की थी. इसलिए पैसों से जुड़े मामलों में शर्म को त्यागें और मुखर बनें.

यह भी पढ़ें: Daily Horoscope: शनि के Transit से क्या बदल रहा है आपके आज के राशिफल का हाल?

Chanakya Niti: भरपेट भोजन करें, शर्म न करें

कुछ लोग शर्म के कारण भूखे रहते हैं क्योंकि उन्हें यह डर रहता है कोई उनकी क्षमता या तरीके का मजाक बनाया जाएगा. साथ ही कोई अगर उनसे भोजन के लिए पूछता है तभी वह खाना खाते हैं. जब ऐसा करने के लिए कोई नहीं आता है तब वह भोजन करना ठीक नहीं समझते हैं और भूखे रह जाते हैं. यही कारण है कि आचार्य चाणक्य ने भोजन करने में शर्म को व्यर्थ बताया है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.