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Gayatri Mantra: गायत्री मंत्र के जाप करने से जीवन में आएंगी खुशियां, जाप करने से पहले जान लें नियम और सही समय

Gayatri Mantra: शास्त्रों में गायत्री मंत्र के जाप करने के फायदे और नियमों को बताया गया है. गायत्री मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से लाभ होता है.

Gayatri Mantra: गायत्री मंत्र के जाप करने से जीवन में आएंगी खुशियां, जाप करने से पहले जान लें नियम और सही समय

गायत्री मंत्र जाप नियम

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डीएनए हिंदी: हिंदू धर्म में मंत्र जाप का विशेष महत्व है. मंत्रों के जाप (Mantra Jaap Niyam) से आप भगवान को प्रसन्न कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं. पूजा अर्चना के समय भी मंत्रों का जाप (Mantra Jap Niyam) करने से पूजा का अधिक फल मिलता है. शास्त्रों में गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) के जाप करने के फायदे और नियमों (Gayatri Mantra Niyam) को बताया गया है. गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का प्रतिदिन जाप करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जो व्यक्ति गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) का जाप करता है उसके जीवन से कई प्रकार के दोष कम हो जाते हैं. गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) के शुभ फलों के लिए आपको मंत्र जाप के नियमों और समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए. आज हम आपको इन नियमों के बारे में बताते हैं. 

गायत्री मंत्र जाप के लिए समय (Gayatri Mantra Jaap Time)
गायत्री मंत्र "ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्" के जाप के लिए तीन समय को उचित माना जाता है. इसके लिए पहला समय सुबह दूसरा समय दोपहर का होता है. शाम को सूर्योस्त से पहले का समय भी गायत्री मंत्र जाप के लिए उचित होती है. 
पहला समय - गायत्री मंत्र के शुभ फलों की प्राप्त के लिए आपको सूर्योदय से पहले से मंत्रों को जाप करना शुरू कर देना चाहिए. इस मुहूर्त को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं आपको ब्रह्म मुहूर्त से सूर्योदय तक गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. 
दूसरा मुहूर्त - गायत्री मंत्र के जाप के लिए दोपहर का समय भी बहुत उचित माना जाता है. इस दौरान जाप करने से मंत्रों का विशेष लाभ मिलता है. 
तीसरा समय - आपको शाम को सूर्योस्त होने से पहले गायत्री मंत्र का जाप शुरू कर देना चाहिए. सूर्योस्त कुछ समय पहले जाप शुरू करें और सूर्योस्त तक गायत्री मंत्र का जाप करें. 

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गायत्री मंत्र जाप नियम व विधि (Gayatri Mantra Jaap Niyam Vidhi)
- शास्त्रों के नियमों के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. ऐसा करने से लाभ प्राप्त होता हैं. 
- साधक को मोन रहकर गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. ऊंची और तेज आवाज में जाप करने से मंत्रों का प्रभाव कम हो जाता है. आपको ऐसा नहीं करना चाहिए.
- गायत्री मंत्र का जाप गुरू या किसी मार्गदर्शक की मौजूदगी में करना चाहिए. ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि गायत्री मंत्र के जाप में छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है. जाप के दौरान कोई भी गलती नहीं करनी चाहिए. 
- शुक्रवार के दिन जाप करते समय आपको पीले कपड़े पहनने चाहिए. आपको जाप के दौरान हाथी पर विराजमान माता गायत्री का ध्यान करना चाहिए. 
- गायत्री मंत्र का जाप करते समय दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. सुबह ब्रह्म मुहूर्त में जाप करते समय आपका मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए. शाम के समय गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपको पश्चिम दिशा में मुंह करना चाहिए. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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