Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Indian Wedding Traditions: क्यों अपने बेटे की शादी के फेरे नहीं देखती है मां, इस परंपरा के पीछे छिपे हैं कई कारण, यहां जानें

Indian Wedding Traditions: शादी के पवित्र रीति-रिवाजों में कई ऐसे रिवाज भी होते हैं जो बहुत ही अजीब लगते हैं.

Latest News
Indian Wedding Traditions: क्यों अपने बेटे की शादी के फेरे नहीं देखती है मां, इस परंपरा के पीछे छिपे हैं कई कारण, यहां जानें

प्रतीकात्मक तस्वीर

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदीः भारतीय संस्कृति में विवाह को लेकर कई रीति-रिवाज (Indian Wedding Traditions) है. भारत में शादी को दो लोगों का नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच का रिश्ता माना जाता है. भारतीय संस्कृति में आज भी संयुक्त परिवार का खूब चलन है. शादी के पवित्र रीति-रिवाजों (Indian Wedding Traditions) में कई ऐसे रिवाज भी होते हैं जो बहुत ही अजीब लगते हैं. आज आपको एक ऐसी ही परंपरा (Indian Wedding Traditions) के बारे में बताने वाले हैं.

अपने बेटे की शादी में मां फेरे नहीं देख (Indian Wedding Traditions) सकती है. मां अपने बेटे की शादी में शामिल (Indian Wedding Traditions) नहीं होती है इसके पीछे कई कारण हैं. हालांकि आजकल बदलते समय के साथ मां भी अपने बेटे की शादी में शामिल (Indian Wedding Traditions) होने लगी हैं. लेकिन कई जगह यह परंपरा आज भी चल रही है.

क्या है इस अनोखी परंपरा के पीछे कारण? (Indian Wedding Traditions)
मां के अपने ही बेटे की शादी के फेरे न देखने और शादी में शामिल न होने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण हैं. भारतीय संस्कृति में यह परंपरा मुगल काल से चली आ रही है. तो चलिए आपको इस परंपरा के कारणों के बारे में बताते हैं.

गर्मियों में इन 5 चीजों का करें गुप्त दान, संतान प्राप्ति में बाधा से लेकर धन की किल्लत तक होगी दूर

चोरी के डर से बारात में नहीं जाती थीं महिलाएं
मुगल काल से पहले महिलाएं बेटे के विवाह में जाया करती थी. लेकिन मुगलशासन के बाद महिलाएं शादी में शामिल होने के लिए जाती थी तो पीछे से घर में चोरी का डर रहता था. ऐसे में महिलाओं ने बारात में जाना बंद कर दिया था.

घर की देखभाल के लिए
घर में अगले दिन बहू के स्वागत के लिए महिलाएं घर में रुकती थीं. घर परिवार के सभी सदस्यों के शादी में जाने के बाद मां घर की देखभाल करती थीं. घर में मौजूद रिश्तेदारों की देखभाल के लिए भी महिलाएं घर में ही रहती थीं.

गृह प्रवेश के कारण
शादी के बाद बहू पहली बार अपनी ससुराल पहुंचती है. ऐसे में लड़के की मां उसके स्वागत के लिए तैयारियां करती हैं. मुख्य द्वार पर आरती, अल्ता, चावल भरा कलश आदि की रस्मों की तैयारी करनी होती है. ऐसे में इन वजहों से भी मां लड़के की शादी नहीं देखती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement