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Janmashtami 2023: स्मार्त और वैष्णव जन्माष्टमी होती है अलग, 2 दिन इस कारण से मनाया जाता है यह पर्व

जन्माष्टमी का त्योहार दो दिन होता है और स्मार्त संप्रदाय और वैष्णव संप्रदाय इसे अलग-अलग दिन मनाते हैं. श्री कृष्ण जन्माष्टमी क्यों दो होती है चलिए जानें.

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Janmashtami 2023: स्मार्त और वैष्णव जन्माष्टमी होती है अलग, 2 दिन इस कारण से मनाया जाता है यह पर्व

Janmashtami 2023:

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डीएनए हिंदीः जन्माष्टमी का व्रत आज यानी 6 सितंबर और 7 सितंबर दो दिन होगा. भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का जन्मदिवस मनाया जाता है. हर बार स्मार्त संप्रदाय और वैष्णव संप्रदाय के लोग अलग-अलग दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023 Date) मनाते हैं और पूजा पाठ करते है. ऐसा क्यों होता है और क्या स्मार्त व वैष्णव संप्रदाय में अंतर आइए जानते हैं. 

क्या है स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय में अंतर (Difference in Smart and Vaishnav Sampraday)

 वेद- ग्रंथों के भी कई भाग हैं. जिन वेदों की रचना भगवान से सुनकर की गई है उन्हें श्रुति ग्रंथ कहा गया है. इन सभी के अतिरिक्त ग्रंथों को स्मृति ग्रंथ के रूप में जाना जाता है. इसी प्रकार जो लोग स्मृति आदि ग्रंथों के अनुयायी हैं उन्हें स्मार्त कहा जाता है और जो भगवान विष्णु (Bhgawan Vishnu) के साथ उनके भिन्न स्वरूपों की आराधना करते हैं उन्हें वैष्णव कहा जाता है. 

बता दें कि स्मार्त संप्रदाय के लोग सभी देवी-देवता जैसे भगवान शिव, गणेश, देवी दुर्गा सूर्य देव की उपासना करते हैं और उन्हीं के आधार पर उपवास या पर्व मनाते हैं. वहीं वैष्णव सप्रदाय के लोग केवल भगवान विष्णु और उनके अवतारों पर आधारित उपवास या पर्व रखते हैं. 

स्मार्त संप्रदाय और वैष्णव सप्रदाय के लोग अलग-अलग दिन इसलिए जन्माष्टमी मनाते हैं क्योंकि दोनों संप्रदाय के लोग पंचांग में बताए अलग-अलग समय पर इस पर्व को मनाते हैं. स्मार्त संप्रदाय उदया तिथि को इतना महत्व नहीं देते हैं. जबकि वैष्णव संप्रदाय उदयकाल पर निर्धारित समय को मानता है. 

जन्माष्टमी 2023 का व्रत किस दिन करना है?

चूंकी जन्माष्टमी दो दिन मनाई जा रही है लेकिन गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी का व्रत रखें. शास्त्रों के अनुसार जिस दिन अष्टमी के साथ रोहिणी नक्षत्र का संयोग बन रहा हो उस दिन जन्माष्टमी व्रत-पूजन करना शुभ होता है.

स्मार्त के लिए जन्माष्टमी पर्व की तारीख : 06 सितंबर 2023

स्मार्त के लिए जन्माष्टमी पर्व की पूजा का शुभ मुहूर्त : रात्रि 11:57 बजे से लेकर 07 सितंबर 2023 को 00:42 बजे तक

स्मार्त के लिए जन्माष्टमी पर्व के पारण का समय : 07 सितंबर 2023 को सायंकाल 4:14 बजे के बाद

वष्णव के लिए जन्माष्टमी पर्व की तारीख : 07 सितंबर 2023

वैष्णव के लिए जन्माष्टमी पर्व की पूजा का शुभ मुहूर्त : रात्रि 11:56 बजे से लेकर 08 सितम्बर 2023 को 00:42 बजे तक

वैष्णव के लिए जन्माष्टमी पर्व के पारण का समय : 08 सितंबर 2023 को प्रात:काल 06:02 बजे के बाद

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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