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Jaya Kishori को अपना आइडियल मानती हैं Palak Kishori, 17 साल की उम्र में बनीं कथावाचिका, सुनाती हैं भागवत कथा

Palak Kishori: मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली 17 साल की पलक किशोरी अब जया किशोरी की तरह ही भागवत कथा सुनाती हैं, इन दिनों सोशल मीडिया पर उनकी खूब चर्चा हो रही है. 

Jaya Kishori को अपना आइडियल मानती हैं Palak Kishori, 17 साल की उम्र में बनीं कथावाचिका, सुनाती हैं भागवत कथा

Jaya Kishori को अपना आइडियल मानती हैं Palak Kishori, 17 साल की उम्र में बनीं कथा

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डीएनए हिंदी: जया किशोरी (Jaya Kishori) का नाम तो लगभग हर कोई जानता है, कथावाचन के क्षेत्र में उनका बड़ा नाम है. जया किशोरी सिर्फ कथावाचिका ही नहीं एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं. यही वजह है कि लाखों की संख्या में लोग जया किशोरी को फॉलो करते हैं. लेकिन, क्या आप पलक किशोरी (Palak Kishori) को जानते हैं? पलक किशोरी जया किशोरी को अपना आइडियल मानती हैं और उनकी तरह वो भी कथावाचन करती हैं. पलक किशोरी महज 17 साल की उम्र में कथावाचिका (Bhagwat Katha Vachak) बन गई हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर पलक किशोरी को लेकर जमकर चर्चा हो रही है. तो आइए जानते हैं कौन हैं पलक किशोरी.. 

मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली हैं पलक किशोरी 

पलक किशोरी मध्य प्रदेश के सतना जिले की रहने वाली हैं और पलक 12वीं कक्षा की छात्रा हैं. अब जया किशोरी की तरह पलक किशोरी भी कथावाचिका बन गई हैं. उनकी भागवत कथा सुनने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ती है और लोग उनकी संगीतमय कथा के दीवाने होते चले जा रहे हैं. 

जया किशोरी को अपना आइडियल मानती हैं पलक किशोरी

पलक किशोरी का कहना है कि जिस तरह से जया किशोरी भागवत कथा करती हैं उनको देख कर मैं प्रेरित हुई और अब उनके मार्गदर्शन से मैं भागवत कथा कर पा रही हूं.  कई लोगों का कहना है कि मेरी शैली बिल्कुल जया किशोरी जैसी ही है मैं उन्हें अपना आइडियल मानती हूं. पलक किशोरी ने अपनी प्रेरणा का स्रोत जया किशोरी को बताया और अब पलक किशोरी उनकी तरह ही कथा कह रही हैं. 

पलक किशोरी ने ऐसे की कथावाचन की शुरुआत

दरअसल, कोरोना काल के दौरान साल 2021 में पहली बार नवरात्र के त्योहार पर पलक किशोरी ने दो घंटे का श्री कृष्ण भगवान पर प्रवचन दिया था और इसके बाद से ही पलक धीरे-धीरे आगे बढ़ती गईं. ऐसे में उन्होंने पहली भागवत रीवा के लखौरी बाग में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में की थी, जिसे सुनकर लोग बहुत खुश हो गए थे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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