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Saubhagya Sundari Vrat 2022: आज है अगहन माह का सौभाग्य सुदंरी तीज, नोट कर लें पूजा मुहूर्त और विधि

Saubhagya Sundari Vrat 2022: अगहन यानी मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत सौभाग्य सुदंरी तीज आज यानी 11 नवंबर को है. इस व्रत का मुहूर्त और महत्व चलिए जाने

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Saubhagya Sundari Vrat 2022: आज है अगहन माह का सौभाग्य सुदंरी तीज, नोट कर लें पूजा मुहूर्त और विधि

अगहन माह में सौभाग्य सुदंरी तीज, नोट कर लें पूजा मुहूर्त और विधि

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डीएनए हिंदी: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सुहाग के लिए सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत रखा जाता है. इस दिन सुहागिने भगवान शिव और देवी पार्वती की उपासना कर व्रत रखती हैं. सुहाग की रक्षा, लंबी आयु और स्वास्थ के रखा जाने वाला इस व्रत का महत्व क्या है और किस शुभ मुहूर्त में पूजा करनी है, चलिए जानें. 

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 डेट (Saubhagya Sundari Vrat 2022 Date)

सौभाग्य सुंदरी व्रत इस साल 11 नवंबर 2022, शुक्रवार को किया जाएगा. इस दिन कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए दिन व्रत. वहीं विवाहिता इस व्रत में 16 श्रृंगार कर शंकर-पार्वती का पूजन करती हैं.

सौभाग्य सुंदरी पूजा सामग्री (Saubhagya Sundari Puja Samagri)

कुमकुम, रोली, मौली, बेलपत्र,  फूल, माला, पान, सुपारी, लौंग, हरी इलाचयी, बताशा, दक्षिणा, आक के फूल, सफेद चंदन, अक्षत, पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, धूप, दीप, कपूर, नारियल, मिठाई, फल

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 पूजा मुहूर्त

शुभ मुहूर्त में माता पार्वती और शिव जी की पूजा होगी.  सुबह, दोपहर और शाम के शुभ मुहूर्त क्या हैं, चलिए जानें.

  • लाभ-उन्नति मुहूर्त: सुबह 08:01 से 09:23 तक
  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 09:23 से 10:44 तक
  • शुभ-उत्तम मुहूर्त: दोपहर 12:05 से 01:26 तक
  • लाभ-उन्नति मुहूर्त: रात 08:47 से 10:26 तक

शिव योग में सौभाग्य सुंदरी व्रत
इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत शिव योग और सिद्ध योग में है. 11 नवंबर को शिव योग सुबह से लेकर रात 09 बजकर 30 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्ध योग शुरू हो जाएगा. शिव और सिद्ध योग मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं.

सौभाग्य सुंदरी व्रत महत्व (Saubhagya Sundari Vrat Importance)

सौभाग्य का अर्थ है भौतिक सुख, ऐश्वर्य, समृद्धि और सौंदर्य से तात्पर्य तन के साथ मन की सुंदरता. कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से महिलाओं को यह दोनों प्राप्त होता है.मान्यता है जो दंपति इस दिन साथ मिलकर शिव-पार्वती की उपासना करते हैं उनके कुंडली में मौजूद समस्त दोष दूर हो जाते हैं. जिन लोगों कुंडली में मांगलिक दोष होता है और शादी में परेशानियां आती हैं उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए, इससे मंगल दोष की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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