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Karva Chauth Moon Timings: आज आपके शहर में कब निकलेगा चौथ का चांद? जानिए करवा चौथ पूजा की विधि

आज करवा चौथ है और आज चांद को देखने की बेसब्री उन महिलाओं को जरूर होगी जो व्रत कर रही हैं, तो चलिए जानें आपके शहर में चौथ का चांद कब निकलेगा.

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Karva Chauth Moon Timings: आज आपके शहर में कब निकलेगा चौथ का चांद? जानिए करवा चौथ पूजा की विधि

करवा चौथ का चांद कब निकलेगा

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डीएनए हिंदीः पति की सलामती की कामना के लिए उत्तर और पश्चिम भारत में करवा चौथ मनाने की प्रथा है. इस साल का करवा चौथ आज यानी 1 नवंबर को है. इस दिन महिलाएं अपने पति की सलामती के लिए चांद निकलने तक निर्जला व्रत करती हैं. शाम को चंद्रमा निकलने के बाद पूजा करने से यह व्रत खोला जाता है. करवा चौथ पर पत्नियां चौथ माता की पूजा करके अपने पति के लिए मंगल कामना करती हैं. वहीं कई बार ये व्रत कुंवारी बेटियां अपने मनपसंद व्यक्ति को जीवनसाथी के रूप में पाने के लिए रखती हैं.

करवा चौथकार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. चौथ में चंद्रमा का विशेष महत्व होता है. शाम को चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा को देखकर ही व्रत खोला जा सकता है. देखिए आज देश के किसी शहर में कब निकलेगा चौथ का चांद.

शहर    चंद्रोदय का समय
कलकत्ता    शाम 7.46 बजे
नई दिल्ली    रात 8.15 बजे
नोएडा    रात 8.14 बजे
गुरूग्राम    रात 8.16 बजे
मुंबई    रात 8.59 बजे
चेन्नई    रात 8.43 बजे
लखनऊ    रात 8.05 बजे
आगरा    रात 8.16 बजे
हिमाचल प्रदेश    रात 8.07 बजे
भोपाल    रात 8.29 बजे
पटना    शाम 7.51 बजे
जयपुर    रात 8.26 बजे
चंडीगढ़    रात 8.10 बजे
पुणे    रात 8.56 बजे
अलीगढ    रात 8.13 बजे
पणजी    रात 9.04 बजे

कैसे करें करवा चौथकी पूजा?

करवा चौथ का व्रत रखने के लिए महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना होगा.

आप सूर्योदय से पहले सरगी खा कर व्रत शुरू करना होगा.

दोपहर में पूजा का भोग तैयार करें और सास को देने के लिए सुहाग की थाल तैयार करें

शाम को लाल साड़ी या लाल रंग का लहंगा पहनकर पूजा के लिए तैयार हो जाएं. सोने के आभूषण अच्छे से पहनें. इस दिन महिलाओं द्वारा सोलह श्रृंगार करने की प्रथा है.

पूजा कक्ष को साफ करें.मिट्टी में जल भरें, उस पर तिलक लगाएं और चौथ माता की तस्वीर रखें और सिन्दूर लगाकर उनका भी श्रृंगार करें और फूलों की माला चढाएं.

सारा भोग और दक्षिणा एक थाली में और नई साड़ी और श्रृंगार का सामान. पूजा के बाद यह पकवान अपनी सास या सास समान महिला को अर्पित करें.

चौथ माता से पति के मंगल की कामना करें .चांद निकलने पर फिर छलनी से चंद्रमा को देखें और जल अर्पित करें.

इसके बाद उसी छलनी से पति का चेहरा देखें और पति के हाथों से जल पी कर व्रत खोलें. इसके बाद पति के पैर छूकर और आशीर्वाद लेकर व्रत खोलें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)

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