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Swarved Temple: पीएम मोदी ने वाराणसी में 35 करोड़ की लागत से बने मंदिर का किया उद्घाटन, जानें स्वर्वेद महामंदिर की खासियत

वाराणसी में 35 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ स्वर्वेद महामंदिर सुर्खियों में बना हुआ है. इसकी वजह मंदिर का बेहद आकर्षक होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर होना भी है.

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डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के उमरहा में 35 करोड़ रुपये की लागत से बने स्वर्वेद महामंदिर धाम का उद्घाटन किया. यहां विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज के दर्जनों आश्रम हैं. इनमें वाराणसी में बनाया गया स्वर्वेद महामंदिर सबसे बड़ा है. यह मंदिर का निर्माण कार्य पिछले 20 सालों से चल रहा है. 7 मंजिला मंदिर में देश ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर बनाया गया है. यहां एक साथ 20 हजार से भी ज्यादा लोग योग और ध्यान कर सकते हैं. मंदिर में योग साधन की पूर्ण सुविधाएं की गई है. मंदिर में फर्स से लेकर इसके दिवारों को बेहद सुंदर तरीके बनवाया गया है. 

2004 में शुरू हुआ था मंदिर का निर्माण

वाराणसी में बनकर तैयार हुए स्वर्वेद महामंदिर को बनाने की शुरुआत आज से 20 साल पूर्व 2004 में हुई थी. इसमें योग साधना की सुविधा दी गई है. स्वर्वेद मंदिर अपनी भव्यता के लिए भी काफी चर्चाओं में हैं. यह मंदिर 7 मंजिला है. इसमें एक साथ 20 हजार लोगों के योग साधना की जगह है. यही वजह है कि इसमें बना मेडिटेशन सेंटर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेंशन सेंटर होगा. 

इन शब्दों से मिलकर बना है मंदिर का नाम

स्वर्वेद मंदिर के नाम के पीछे भी वेद और पुराण शामिल हैं. इसका नाम ऐसे ही नहीं पड़ा है. मंदिर का नाम दो नामों से मिलकर बना रहा है. इनमें स्व: और वेद शामिल है, जिसका अर्थ है आत्मा का ज्ञान यानी स्व: का अर्थ आत्मा और वेद अर्थ है ज्ञान. जिससे स्वयं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है. उसे ही स्वर्वेद कहा जाता है. इस मंदिर में किसी विशेष भगवान की पूजा नहीं की जाती. इसकी जगह पर मेडिटेशन किया जाता है. यह मंदिर एक मेडिटेशन सेंटर है. मंदिर के अंदर की सभी दीवारों पर करीब चार स्वर्वेद के मंत्र और दोहे लिखे गये हैं. वहीं मंदिर की बाहरी दीवारों पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, रामायण, गीता और महाभारत आदि के प्रसंग पर चित्र बनाए गए हैं. ताकि लोग उससे प्रेरणा लें सकें. 

मंदिर मे हैं ये खास बातें

स्वर्वेद महामंदिर इन दिनों आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंदिर को 35 करोड़ रुपये की लागत से 7 मंजिला बनाया गया है. यह 64 हजार स्कवायर फीट एरिया में फैला हुआ है. मंदिर के अंदर दुनिया का सबस बड़ा मेडिटेंशन सेंटर भी है. मंदिर की ऊंचाई 180 फीट है. इसमें दीवारों पर नक्काशी और फर्स पर मकराना मार्बल लगाया गया है. इसमें 3137 स्वर्वेद दोहे लिखे गए हैं. साथ ही कमल के आकार गुंबद बना हुआ है, यह दिखने में ही बेहद आकर्षक लगता है. 

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