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Myth : भूलकर भी थाली में एक साथ ना रखें 3 रोटियां, पीछे छिपी है खास वजह

पूजा पाठ या किसी भी शुभ काम के लिहाज से 3 अंक को अशुभ माना जाता है. इसलिए खाने की थाली में भी एक साथ 3 रोटियां नहीं रखीं जाती हैं.

Myth : भूलकर भी थाली में एक साथ ना रखें 3 रोटियां, पीछे छिपी है खास वजह
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डीएनए हिंदी: अक्सर आपने अपने बड़े-बूढ़ों को कहते हुए सुना होगा कि भोजन की थाली में एक साथ 3 रोटी नहीं परोसनी चाहिए. क्या आप ऐसा करने की वजह के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो बता दें कि इसके पीछे धार्मिक कारण के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी जिम्‍मेदार है. आइए जानते हैं क्या-

3 अंक को माना जाता है अशुभ
हिंदू धर्म में माना गया है कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने ही इस सृष्टि का सृजन किया है. उन्‍हें सृष्टि का रचयिता, पालनहार और संहारक बताया गया है. इस लिहाज से देखें तो 3 अंक शुभ होना चाहिए लेकिन असल में इसका उल्‍टा है. पूजा पाठ या किसी भी शुभ काम के लिहाज से 3 अंक को अशुभ माना जाता है. इसलिए खाने की थाली में भी एक साथ 3 रोटियां नहीं रखीं जाती हैं. 

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मृतक की थाली में रखते हैं 3 रोटी 
इसका अलावा हिंदू धर्म में मान्यताओं के अनुसार, थाली में 3 रोटियां रखना मृतक के भोजन के समान माना जाता है. इसके पीछे मान्यता है कि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके त्रयोदशी संस्कार से पहले भोजन की थाली में एक साथ 3 रोटियां रखने का चलन है. यह थाली मृतक को समर्पित की जाती है. इसे सिर्फ परोसने वाला ही देख सकता है इसके अलावा कोई और नहीं. इसलिए थाली में 3 रोटी रखने को मृतक का भोजन माना जाता है और ऐसा करने की मनाही की जाती है. 

मन में आता है लड़ाई-झगड़े का भाव  
इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति थाली में एक साथ 3 रोटी रखकर भोजन करे तो उसके मन में दूसरों से लड़ाई-झगड़ा करने का भाव आता है. 

यह है वैज्ञानिक कारण 
वहीं अगर विज्ञान के नजरिए से देखें तो व्‍यक्ति को एक साथ ज्‍यादा भोजन नहीं करना चाहिए. बल्कि थोड़ा-थोड़ा करके ही खाना चाहिए. एक सामान्‍य व्‍यक्ति के लिए एक बार में एक कटोरी दाल, एक कटोरी सब्जी, 50 ग्राम चावल और दो रोटी खाना पर्याप्त होता हैं. यदि इससे ज्‍यादा भोजन करे तो उसे कई तरह की सेहत संबंधी समस्‍याएं हो सकती हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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