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Noida में चार महीने में 600 आग की घटनाएं, 10% लोग भी नहीं हुए जागरूक

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अप्रैल 2022 तक गौतमबुद्ध नगर जिले में आग (Fire) लगने की 626 घटनाएं हो चुकी हैं.

Noida में चार महीने में 600 आग की घटनाएं, 10% लोग भी नहीं हुए जागरूक

नोएडा में इस साल 626 आग की घटनाएं हो चुकी हैं

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डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा में पिछले चार महीने में आग लगने की करीब 600 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसके बावजूद नोएडा और ग्रेटर नोएडा की आवासीय सोसाइटी में आग (Fire) से बचाव और आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए चलाए जाने वाले जन जागरूकता अभियानों और अभ्यास में जन भागीदारी नगण्य है. अधिकारियों ने बताया कि अग्निशमन सेवा विभाग ने सुरक्षा उपकरणों के इस्तेमाल और एहतियाती कदम को लेकर लोगों को शिक्षित करने के लिए 100 से अधिक अभियान चलाए, लेकिन इनमें यहां के निवासियों की भागीदारी 10 प्रतिशत से भी कम रही.उन्होंने ने इसको लेकर खेद जताया कि कई सोसाइटी में निजी सुरक्षाकर्मी भी अग्नि सुरक्षा के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते. 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अप्रैल 2022 तक गौतमबुद्ध नगर जिले में आग (Fire) लगने की 626 घटनाएं हो चुकी हैं. वहीं, वर्ष 2021 में 1372, 2020 में 1246, वर्ष 2019 में 1729 और वर्ष 2018 में आग लगने 2017 की घटनाएं जिले में दर्ज की गई थीं. मुख्य अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने कहा, ‘‘आग लगने की अधिकतर घटनाएं अप्रैल और मई महीने में होती हैं. इनमें से अधिकतर आग की घटनाएं घरों और वाणिज्यिक स्थानों पर बिजली से से संबंधित होती हैं. वहीं पराली जलाने, खेत में आग, सूखे पत्तों और झाड़ियों में आग आदि अन्य कारण हैं.’’

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200 से ज्यादा ‘मॉक ड्रिल’
अरुण सिंह ने कहा कि अग्निशमन सेवा ने पिछले साल जिले के आवासीय सोसाइटी, सेक्टर, औद्योगिक और वाणिज्यिक स्थलों पर करीब 200 जागरूकता और ‘मॉक ड्रिल’ संचालित किए. उन्होंने बताया कि इस साल मई तक करीब 100 अभियान और अभ्यास आयोजित किये गए हैं. सिंह ने कहा कि दिल्ली के मुंडका इलाके में लगी आग और 27 लोगों की मौत के बाद एहतियाती कदमों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. 

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हालांकि, जागरूकता अभियान में संलिप्त अधिकारियों ने बताया, ‘‘अग्निशमन सेवा के अधिकारी नोएडा और ग्रेटर नोएडा की ऊंची इमारतों वाली सोसाइटी में आने का समय और स्थान की सूचना देकर जाते हैं, लेकिन वहां के निवासियों की भागीदारी बहुत कम होती है. यहां तक कि 10 प्रतिशत निवासी भी आग से बचने के अभ्यास में हिस्सा लेने नहीं आते.’’ एक अधिकारी ने कहा, ‘‘कई सोसाइटी में निजी सुरक्षा गार्ड को अभ्यास में शामिल होने के लिए भेजा जाता है, जो अच्छा है. हालांकि कई ऐसे मामले सामने आए जिनमें इन सुरक्षा गार्ड को भी सुरक्षा उपकरणों के इस्तेमाल की जानकारी नहीं थी.’’ 

आग बुझाने वाले उपकरणों की लेनी हो गी जानकारी
लोगों से अभ्यास में शामिल होने की अपील करते हुए मुख्य अग्निशमन अधिकारी सिंह ने कहा, ‘‘लोग आवासीय सोसाइटी में लगी आग बुझाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना सीख सकते हैं ताकि किसी आपात स्थिति में वे इनका इस्तेमाल कर सकें. उन्होंने कहा कि वे अन्य एहतियाती कदमों की जानकारी ले सकते हैं ताकि आग लगने से उत्पन्न आपात स्थिति का सामना कर सकें.’’ सिंह ने कहा कि उनका विभाग जल्द ही ग्रेटर नोएडा और नोएडा के इलाकों का सर्वेक्षण करेगा ताकि आग लगने के संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा सके और वहां पर जागरूकता अभियान के लिए विशेष ध्यान केंद्रित किया जा सके. उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों को लेकर डिजिटल आंकड़ा नहीं है और इसके लिए कोशिश की जा रही है.

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