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5 साल तक पेट में ही पड़ी रही कैंची, महिला समझ रही थी पथरी का दर्द

जब महिला का दर्द असहनीय दर्द हुआ तब सीटी स्कैन में मामला सामने आया. इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कैंची 5 साल तक में पड़ी रही.

5 साल तक पेट में ही पड़ी रही कैंची, महिला समझ रही थी पथरी का दर्द

प्रतीकात्मक तस्वीर

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डीएनए हिंदी: सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स की लापरवाही के कई मामले सामने आते रहते हैं. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक महिला की डिलीवरी के लिए की गई सिजेरियन सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स से उसके पेट में एक फोरसेप्स कैंची छूट गई. फोरसेप्स कैंची एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग वेसेल्स को बंद करने के लिए किया जाता है. केरल की एक महिला के पेट में 5 साल तक कैंची पड़ी रही जो डॉक्टर्स ने सर्जरी के दौरान इसके पेट में छोड़ दी थी.

जब महिला का दर्द असहनीय हो गया तब सीटी स्कैन में मामला सामने आया. इस मामले में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि कैंची 5 साल तक इस महिला के पेट में पड़ी रही. यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने इसमें जांच के आदेश दे दिए हैं. 

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सर्जरी के दौरान लापरवाही का यह मामला केरल का है जहां पर हर्षिना नाम की एक महिला ने नवंबर 2017 में कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में अपनी तीसरी सिजेरियन सर्जरी कराई थी. इससें पहले उसने अपनी दो सर्जरी निजी अस्पतालों से कराई थी. हर्षिना ने बताया कि उन्हें सर्जरी के बाद पेट में दर्द होने लगा  जिसे उन्होंने साधारण सा पथरी का दर्द समझा और इसके बाद उन्होंने दर्द के लिए स्ट्रॉन्ग एंटीबायोटिक लेनी शुरू कर दी.

इससे उन्हें आराम भी मिल जाता थी लेकिन पिछले 6 महीने से दर्द बहुत बढ़ गया तो हर्षिना ने डॉक्टर्स को दिखाया तब पता चला कि उनके पेट में लोहे की कोई चीज है. यह पता चलने के बाद हर्षिना ने कोझिकोड मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया और 17 सितंबर को सर्जरी करके हर्षिना के पेट से कैंची निकाल दी गई. 

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इस मामले में केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जांच के आदेश दिए हैं और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज ने भी इसकी जांच करनी शुरू कर दी है. हालांकि कॉलेज के ​प्रिंसिपल डॉ ईवी गोपी का कहना है कि हमारा कोई भी मेडिकल उपकरण गायब नहीं था. महिला की पहले भी दो बार निजी अस्पताल में सर्जरी हो चुकी है.

महिला के पेट से फोरसेप्स कैंची निकालने की सर्जरी करने के कुछ दिनों बाद ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इसके बाद ही महिला ने स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज से संपर्क करके इसकी शिकायत दर्ज कराई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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