Twitter
Advertisement
  • LATEST
  • WEBSTORY
  • TRENDING
  • PHOTOS
  • ENTERTAINMENT

Aung san suu kyi को फिर सुनाई गई 6 साल की सजा, जानें कौन हैं वह और क्या है मामला

सू की ने सन् 1964 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही ग्रेजुएशन की थी. इसके बाद वह ऑक्सफोर्ड पढ़ने चली गईं. उन्होंने 3 साल तक यूनाइटेड नेशंस के लिए भी काम किया. उनके दो बच्चे हैं.

Aung san suu kyi को फिर सुनाई गई 6 साल की सजा, जानें कौन हैं वह और क्या है मामला

Aang saan suu kyi

FacebookTwitterWhatsappLinkedin

डीएनए हिंदी: दुनिया भर में लोकप्रिय म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की को 6 साल की सजा सुनाई गई है. इससे पहले उन्हें अलग-अलग समय पर 11 साल की कैद सुनाई जा चुकी है. यह चौथी बार है जब सू की को सजा सुनाई गई है. इस तरह अब उन्हें 17 साल की सजा सुनाई जा चुकी है. सेना शासित म्यांमार की कोर्ट ने आंग सान सू की को भ्रष्टाचार के आरोप में यह सजा सुनाई है. सू की पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और जनता की संपत्ति को अपने निजी इस्तेमाल में लिया. हालांकि सू की ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताकर खुद को बेकसूर कहा है.

कौन हैं आंग सान सू की?
आंग सान सू की ने जिस तरह म्यांमार में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी वह दुनिया के सामने एक मिसाल बनकर सामने आईं. उन्हें सन् 1991 में शांति का नोबल पुरस्कार भी मिला. वह बीते कई दशकों से म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ संघर्ष करती रही हैं. उनके पिता को फादर ऑफ द नेशन कहा जाता था. उन्होंने भी सन् 1947 में ब्रिटेन से बर्मा की आजादी की मांग की थी. उसी साल उनकी हत्या कर दी गई थी. आंग सान सू की को उनकी मां ने पाला है. सू की ने सन् 1964 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही ग्रेजुएशन की थी. इसके बाद वह ऑक्सफोर्ड पढ़ने चली गईं. उन्होंने 3 साल तक यूनाइटेड नेशंस के लिए भी काम किया. उनके दो बच्चे हैं.

ये भी पढ़ें- अब लाल किले में सिर्फ घूमें नहीं खाएं भी, आज से खुलेगा रेस्टोरेंट, बनेगा ये रिकॉर्ड

जब म्यांमार में पहली बार हुए चुनाव
सन् 2015 में आंग सान सू की के प्रयासों से ही म्यांमार में 25 साल में पहली बार चुनाव हुए. आंग सान सू की ने नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) का नेतृत्व किया और जीत भी हासिल की. साल 2021 में सेना ने तख्तापलट कर उन्हें सत्ता से हटा दिया. अब उन पर लगे एक के बाद एक आरोपों के चलते एक बार फिर 6 साल की सजा सुनाई गई है. 

जेल में बीते कई साल
सू की ने 1989 से 2010 के बीच 15 साल जेल में बिताए. यहीं से वह दुनिया के लिए एक मिसाल बनीं. जिस वक्त उन्हें शांति का नोबल दिया जा रहा था तब भी वह कारावास में ही थीं. अब वह फरवरी, 2021 से जेल में ही हैं.

ये भी पढ़ें- Independence Day 2022: क्या है आजादी का असली मतलब? जानें इस अहसास को बुलंद करने वाले अपने ये अहम अधिकार

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Advertisement

Live tv

Advertisement

पसंदीदा वीडियो

Advertisement